Steel Sector PLI Scheme:स्टील सेक्टर के लिए आएगी PLI 2.0 स्कीम, इंडस्ट्री बढ़ते आयात से परेशान
Steel Sector PLI Scheme: भारत अपनी 90 प्रतिशत कोकिंग कोयले की आवश्यकता को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है। 2023 में अब तक आयात सात-आठ करोड़ टन के बीच रहा है।उद्योग को आयात की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

स्टील सेक्टर
Steel Sector
कब आएगी PLI 2.0
केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा है कि हम इस्पात क्षेत्र के लिए पीएलआई 2.0 की तैयारी कर रहे हैं। इस पर विभिन्न स्तरों पर चर्चा जारी है।इस्पात राज्य मंत्री ने पीटीआई-भाषा से कहा कि सरकार इस्पात उद्योग के लिए कच्चे माल की आपूर्ति सुनिश्चित करेगी और स्क्रैप के इस्तेमाल को बढ़ावा देने पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसके अलावा इस्पात उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उद्योग की कंपनियों के बीच कृत्रिम मेधा (एआई) और नए युग की प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल पर जोर देने के प्रयास किए जाएंगे। साथ ही कार्बन उत्सर्जन को कम करने पर भी ध्यान दिया जाएगा। इस साल अप्रैल-नवंबर में कच्चे इस्पात का कुल उत्पादन 14.5 प्रतिशत बढ़कर 9.401 करोड़ टन रहा। इसी अवधि में तैयार इस्पात की खपत सालाना आधार पर 14 प्रतिशत बढ़कर 8.697 करोड़ टन हो गई।
PLI 1.0 स्कीम का कैसा हाल
सरकार ने करीब 2.5 करोड़ टन के अतिरिक्त उत्पादन में मदद के लिए विशेष इस्पात के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए पीएलआई योजना 1.0 को मंजूरी दी थी।कुलस्ते ने कहा कि सभी इस्पात कंपनियां अपनी क्षमताएं बढ़ा रही हैं और व्यापार सुगमता सुनिश्चित करने के लिए सरकार उनकी परियोजनाओं से जुड़ी मंजूरी में मदद कर रही है।मंत्री ने कहा कि सरकार कोकिंग कोयले की सोर्सिंग के लिए वैकल्पिक विकल्प तलाशने के लिए कई देशों के साथ काम कर रही है। वहीं इंडियन स्टील एसोसिएशन (आईएसए) के अनुसार, पिछले दिनों चीन और वियतनाम सहित कई स्थान पर सामने आए स्टील उत्पादों की डंपिंग के मामले सामने आने के बाद अब नए साल में बढ़ते आयात तथा कच्चे माल की ऊंची कीमतें उद्योग के लिए चिंता का विषय बनी रहेंगी।
कंपनियों की क्या है चिंता
भारत अपनी 90 प्रतिशत कोकिंग कोयले की आवश्यकता को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है। 2023 में अब तक आयात सात-आठ करोड़ टन के बीच रहा है।आईएसए के महासचिव आलोक सहाय ने कहा कि उद्योग को आयात की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें आयात में वृद्धि के संदर्भ में सरकार से कड़ी कार्रवाई की उम्मीद है क्योंकि इससे घरेलू बाजार प्रभावित हो रहा है।आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया (एएम/एनएस इंडिया) के मुख्य विपणन अधिकारी रंजन धर ने कहा कि आर्थिक उतार-चढ़ाव और आपूर्ति श्रृंखला व्यवधानों ने कई बड़ी चुनौतियां खड़ी की हैं।जेएसडब्ल्यू स्टील के संयुक्त प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जयंत आचार्य ने कहा कि बुनियादी ढांचे, विनिर्माण, ऊर्जा बदलाव और संबद्ध क्षेत्रों के दम पर हो रही मजबूत आर्थिक वृद्धि के चलते भारत के इस्पात क्षेत्र ने इस साल 15 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की है।
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