खाद्य पदार्थों में कीटनाशक की अधिकतम सीमा पर कड़े मानदंड, जानें FSSAI ने किन सवालों को किया खारिज
Pesticides in food Row: FSSAI ने उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि मसालों और जड़ी-बूटियों में उच्चस्तर के कीटनाशक अवशेषों की अनुमति है। इससे पहले हांगकांग के खाद्य नियामक ने दो प्रमुख भारतीय ब्रांड एमडीएच और एवरेस्ट के कुछ मसालों के नमूनों में कीटनाशक एथिलीन ऑक्साइड की कथित उपस्थिति के कारण प्रतिबंध लगा दिया था।
Pesticides in food Row: सरकार ने रविवार को कहा कि भारत में खाद्य पदार्थों में कीटनाशक अवशेषों के लिए सबसे कड़े मानदंड हैं। इसके साथ ही खाद्य नियामक एफएसएसएआई (FSSAI) ने उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि मसालों और जड़ी-बूटियों में उच्चस्तर के कीटनाशक अवशेषों की अनुमति है। इससे पहले हांगकांग के खाद्य नियामक ने दो प्रमुख भारतीय ब्रांड एमडीएच और एवरेस्ट के कुछ मसालों के नमूनों में कीटनाशक एथिलीन ऑक्साइड की कथित उपस्थिति के कारण प्रतिबंध लगा दिया था।
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एमडीएच और एवरेस्ट सहित ब्रांडेड मसालों के लिए जा रहे नमूने
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) घरेलू बाजारों में बेचे जाने वाले एमडीएच और एवरेस्ट सहित ब्रांडेड मसालों के नमूने ले रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे इसके गुणवत्ता मानदंडों का अनुपालन करते हैं। प्राधिकरण निर्यात किए जाने वाले मसालों की गुणवत्ता निर्धारित नहीं करता है।
FSSAI ने क्या कहा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि जोखिम मूल्यांकन के आधार पर विभिन्न खाद्य उत्पादों में कीटनाशकों की अधिकतम मात्रा अलग-अलग होती है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘कुछ मीडिया खबरों में दावा किया जा रहा है कि एफएसएसएआई जड़ी-बूटियों और मसालों में 10 गुना अधिक कीटनाशक अवशेषों की अनुमति देता है। ऐसी रिपोर्ट झूठी और दुर्भावनापूर्ण हैं।’’ मंत्रालय ने कहा कि भारत में अधिकतम अवशेष सीमा (एमआएल) के लिए बेहद कड़े मानक हैं।
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