चीनी की कीमतें 6 साल के रिकॉर्ड स्तर पर ,टमाटर-प्याज के बाद बिगाड़ेगी बजट !
Sugar Prices At Six Years High Level: एक अक्टूबर से शुरू हो रहे नए सीजन में उत्पादन करीब 3.3 फीसदी यानी 31.7 लाख टन उत्पादन कम होने की आशंका है। इसकी प्रमुख वजह महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में सूखा पड़ना है।
कम बारिश ने बढ़ाई चिंता
Sugar Prices At Six Years High Level: त्योहारी सीजन में चीनी की कीमतें स्वाद बिगाड़ सकती है। पिछले 15 दिनों में चीनी कीमतों में 3 फीसदी का इजाफा हुआ है। और उसका असर यह हुआ है कि चीनी की कीमतें छह साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। इसके अलावा जिस तरह गन्ना उत्पादन करने वाले राज्यों में बारिश कम हुई है, उससे उत्पादन गिरने की भी आशंका बढ़ गई है। जिसकी वजह से कीमतों पर असर दिख सकता है। हालांकि सरकार को इस स्थिति का अंदाजा पहले ही लग गया है, इसलिए उसने निर्यात पर सख्ती कर दी है।
कितनी बढ़ गईं कीमतें
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की खबरों के अनुसार मंगलवार को बाजार में चीनी की कीमतें प्रति टन 37,760 रुपये तक पहुंच गई हैं। जो कि पिछले 6 साल का सबसे उच्चतम स्तर है। इसके पहले साल अक्टूबर 2017 में कीमतें इस स्तर के करीब थी। हालांकि अभी भी अंतरराष्ट्रीय बाजार की तुलना में भारतीय बाजार में चीनी की कीमते 36 फीसदी कम हैं। और शायद निर्यात बढ़ने की आशंका को देखते हुए सरकार ने 30 सितंबर तक केवल 61 लाख टन चीनी के निर्यात की छूट दे रखी है।
इन राज्यों में उत्पादन कम होने की आशंका
बांबे शुगर मर्चेंट एसोसिएशन के प्रेसिजेंट अशोक जैन ने रॉयटर्स को बताया कि शुगर मिल को नए सीजन में उत्पादन कम होने की आशंका है। ऐसे में वह चीनी को फिलहाल कम कीमत पर बेचना नहीं चाहती हैं। एक अक्टूबर से शुरू हो रहे नए सीजन में उत्पादन करीब 3.3 फीसदी यानी 31.7 लाख टन उत्पादन कम होने की आशंका है। इसकी प्रमुख वजह महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में सूखा पड़ना है।
त्योहारों में सीधा असर
त्योहारी सीजन में चीनी की मांग तेजी से बढ़ती है और अगर गन्ने का उत्पादन गिरता है, तो उसका असर त्योहारी सीजन में बढ़ी हुई कीमतों के रूप में दिखेगा। यही नहीं इसकी वजह से रिटेल महंगाई दर भी परेशानी का सबब बन सकती है। क्योंकि पहले ही टमाटर, प्याज जैसी खाने-पीने की चीजें महंगाई दर को जुलाई में 7.44 फीसदी के स्तर पर पहुंचा चुकी हैं।
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