Sugar Prices: चीनी की कीमत 6 साल के टॉप पर, महाराष्ट्र में उत्पादन कम होने से बिगड़े हालात
Sugar Prices: भारत में चीनी के उत्पादन में आई कमी की वजह से वैश्विक स्तर पर दाम प्रभावित हुआ है। न्यूयॉर्क में चीनी के दाम पिछले साल के उच्च स्तर पर पहुंच गए हैं। उत्पादन में कमी को देखते हुए भारत ने कहा है कि चीनी के एक्सट्रा एक्सपोर्ट को मंजूरी नहीं दी जा सकती है।

Sugar Prices: न्यूयॉर्क में चीनी की कीमतें 6 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं
- चीनी की कीमतें 6 साल के उच्च स्तर पर पहुंची
- भारत में उत्पादन में कमी ने भी प्रभावित किए दाम
- बेमौसम बारिश की वजह से खराब हुई गन्ने की फसल
Sugar Prices: चीनी की कीमतों ने पिछले 6 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। न्यूयॉर्क में चीनी के दाम 6 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं। दरअसल, भारत द्वारा चीनी के एक्सपोर्ट को सीमित करने के बाद ग्लोबल सप्लाई को लेकर चिंता बढ़ गई है। भारत में चीनी के उत्पादन में आई कमी के साथ-साथ पाकिस्तान और थाईलैंड सहित बाकी देशों से कम सप्लाई की टेंशन की वजह से इस हफ्ते कच्ची चीनी की कीमतों में 5% की बढ़ोतरी हुई है। न्यूयॉर्क में कच्ची चीनी के दाम 2.2% बढ़कर 23.46 सेंट प्रति पाउंड हो गई, जो अक्टूबर 2016 के बाद सबसे ज्यादा है।
चीनी के उत्पादन में आई कमी को नहीं किया जा सकता इग्नोर
ब्राजील और भारत की चीनी मिलों को पेट्रोल के लिए इथेनॉल बनाने में ज्यादा गन्नों के इस्तेमाल की वजह से भी चीनी की कीमतों में तेजी आई है। चीनी के कम उत्पादन और बढ़ती कीमतों को लेकर प्राइस फ्यूचर्स ग्रुप के वाइस प्रेसिडेंट जैक स्कोविल ने कहा, "चीनी का चलन बढ़ रहा है। चीनी के उत्पादन में आई कमी बहुत बड़ी है।"
खाद्य मंत्रालय ने 60 लाख टन चीनी के निर्यात को दी है मंजूरी
भारत के खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने गुरुवार को कहा कि सितंबर में खत्म होने वाले विपणन वर्ष (Marketing Year) में एक्स्ट्रा चीनी के निर्यात को मंजूरी नहीं दी जा सकती है क्योंकि देश में इस बार चीनी का उत्पादन लक्ष्य से कम होने की संभावना है। खाद्य मंत्रालय ने चालू विपणन वर्ष 2022-23 (अक्टूबर-सितंबर) के लिए 60 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति दी है। व्यापार रिपोर्ट के अनुसार, इसमें से करीब 40 लाख टन चीनी का निर्यात अभी तक किया जा चुका है।
दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश है भारत
महाराष्ट्र में हुई बेमौसम बारिश की वजह से गन्ने की खेती पर काफी बुरा असर पड़ा है। हालांकि, व्यापारी बाजार की तंगी को कम करने की क्षमता के लिए ब्राजील के गन्ना पेराई और चीनी उत्पादन पर अपनी नजरें बनाए हुए हैं। बताते चलें कि ब्राजील दुनिया का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश है। ब्राजील के बाद भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश है।
ब्लूमबर्ग और पीटीआई इनपुट्स के साथ
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