Supertech का ऑफिस सील, 33.56 करोड़ न देने पर कार्रवाई, 8 महीने पहले गिराए गए थे ट्विन टावर

सुपरटेक ग्रुप की सुपरटेक लिमिटेड के ऑफिस को सील कर दिया गया है। ग्रुप की सुपरटेक टाउनशिप को रेरा के 33.56 करोड़ रु चुकाने हैं। पर कार्रवाई हुई है सुपरटेक लिमिटेड के दफ्तर पर। इस कार्रवाई को सुपरटेक ने अवैध करार दिया है।

Supertech Ltd Office Seal

गौतम बौद्ध नगर जिला प्रशासन ने सुपरटेक के खिलाफ की कार्रवाई

मुख्य बातें
  • सुपरटेक लिमिटेड के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई
  • सुपरटेक लिमिटेड का ऑफिस कर दिया गया सील
  • सुपरटेक ने प्रशासन की कार्रवाई को बताया "अवैध"

Supertech Head Office Seal : गौतम बौद्ध नगर जिला प्रशासन ने रियल एस्टेट ग्रुप सुपरटेक पर सख्त कार्रवाई की है। ताजा कार्रवाई में नोएडा में इसकी सुपरटेक लिमिटेड के ऑफिस को सील कर दिया गया है। बता दें कि सुपरटेक ग्रुप की सुपरटेक टाउनशिप प्रोजेक्ट लिमिटेड पर रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) का 33.56 करोड़ बकाया है। पर प्रशासन ने इसके बजाय सुपरटेक लिमिटेड का ऑफिस सील कर दिया है। इसीलिए सुपरटेक ने प्रशासन की इस कार्रवाई को "अवैध" बताया है और कहा है कि पैसों की रिकवरी सुपरटेक टाउनशिप से की जानी है।

जिला प्रशासन ने शुरू की कार्रवाई

रेरा की तरफ से जारी रिकवरी सर्टिफिकेट को लेकर जिला प्रशासन ने हाल ही में रियल एस्टेट ग्रुप की सुपरटेक टाउनशिप यूनिट से बकाया वसूलने की कार्रवाई शुरू की। ऑफिस को सील करने की प्रोसेस मंगलवार की दोपहर दादरी तहसीलदार की देखरेख में शुरू की गई।

इस बीच सुपरटेक ग्रुप ने जिला प्रशासन की कार्रवाई की निंदा की।

घर खरीदारों के लिए परेशानी

ईटी रियल्टी के अनुसार सुपरटेक ग्रुप के एक अधिकारी के मुताबिक गैरकानूनी कार्रवाई से घर खरीदारों को भारी परेशानी हुई है, जिन्हें कई जरूरतों के चलते ऑफिस आना पड़ता है। कंपनी कॉर्पोरेट दिवाला प्रोसेस के अंडर है, जिसे एनसीएलटी ने शुरू किया है।

अधिकारी के अनुसार आईबीसी के मोरेटोरियम क्लॉज के तहत, जब तक रेजोल्यूशन प्रोसेस पूरा नहीं होता, तब तक कोई भी अथॉरिटी कोई बकाया वसूल नहीं कर सकती।

सील हटाने की लगाएगी गुहार

अधिकारी के अनुसार ऑफिस को सील करने की जिला प्रशासन की कार्रवाई एनसीएलटी की तरफ से नियुक्त किए गए इंटरिम रेजोल्यूशन पर्सनल (आईआरपी) के साथ ही अदालत की भी अवमानना होगी। आईआरपी ने ऑफिस से सील तुरंत हटाने के लिए जिला प्रशासन को पत्र लिखा है। इस मामले को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) या सुप्रीम कोर्ट के सामने भी उठाया जा सकता है।

पिछले साल अगस्त में सुपरटेक ग्रुप की दो इमारतों, ट्विन टावर, को गिरा दिया गया था। अगस्त 2021 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद सुपरटेक ग्रुप के ट्विन टावरों को ध्वस्त करने की कार्रवाई की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि टावर बिल्डिंग नियमों का उल्लंघन कर बनाए गए हैं।

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काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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