सुप्रीम कोर्ट ने दिया गूगल को झटका, जमा करना होगा जुर्माना, जानिए क्या है मामला
Google: गूगल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुंदर पिचाई (Sundar Pichai) ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से मुलाकात की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया गूगल को झटका, जमा करना होगा जुर्माना, जानिए क्या है मामला
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) के आदेश के खिलाफ गूगल (Google) की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने एनसीएलएटी से कहा कि वह प्रतिस्पर्धा नियामक के 1337 करोड़ रुपये के जुर्माने के आदेश के खिलाफ गूगल की अपील पर 31 मार्च तक फैसला ले। मालूम हो कि उच्चतम न्यायालय की ओर से भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) द्वारा लगाए गए 1337 करोड़ रुपये के जुर्माने का 10 फीसदी जमा करने के लिए गूगल को एक हफ्ते का समय दिया। उचच्तम न्यायालय राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण के आदेश को चुनौती देने वाली गूगल की अपील पर सुनवाई कर रहा था।
चार जनवरी को दिया था आदेश
उल्लेखनीय है कि 1,338 करोड़ रुपये का जुर्माना एंड्रॉयड के लिए बाजार में अपनी प्रमुख स्थिति का फायदा उठाने के लिए था। मामले में गूगल के काउंसिल सीनियर एडवोकेट एएम सिंघवी ने कहा कि जुर्माना बिना किसी सबूत और जांच के लगाया गया है। एनसीएलएटी ने चार जनवरी को प्रतिस्पर्धा नियामक के एक आदेश पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया था और गूगल को 10 प्रतिशत राशि जमा करने को कहा था।
गूगल पर क्यों लगाया गया जुर्माना?
एनसीएलएटी ने देश में एंड्रॉयड स्मार्टफोन ऑपरेटिंग सिस्टम की प्रभावी स्थिति का दुरुपयोग करने के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा 1,337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के खिलाफ गूगल की चुनौती को स्वीकार किया। प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला की पीठ ने अमेरिकी फर्म की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ए.एम. सिंघवी से स्पष्ट करने के लिए कहा था कि क्या ‘गूगल इंडिया’ भारत में वही व्यवस्था लागू करती है जैसा कि यूरोप में है।
सिंघवी ने पहले मामले की तत्काल सुनवाई की मांग का उल्लेख किया था। वरिष्ठ वकील ने कहा था कि सीसीआई द्वारा असाधारण निर्देश पारित किए गए हैं और आदेश का पालन 19 जनवरी तक किया जाना है। सीसीआई ने पिछले साल अक्टूबर में गूगल से कहा था कि वह एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म पर स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं को ऐप्स अनइंस्टॉल करने (हटाने) की अनुमति दे और उन्हें अपनी पसंद का सर्च इंजन चुनने दे। यह आदेश 19 जनवरी से प्रभावी होना था।
(एजेंसी इनपुट्स के साथ)
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