Suez Canal Crisis: माल ढुलाई 50 फीसदी महंगी, स्वेज नहर संकट दे रहा है महंगाई को दावत

Suez Canal Crisis: ब्रिटेन के लिए माल ढुलाई लागत 20 फीट वाले कंटेनर के लिए बढ़कर 400-500 डॉलर और 40 फीट वाले कंटेनर के लिए 600-700 डॉलर हो गई है। उन्होंने कहा कि लाल सागर में बढ़ते संघर्ष के कारण, पिछले साल दिसंबर से माल ढुलाई शुल्क, विशेष रूप से पश्चिमी तट के गंतव्यों के लिए 30-50 प्रतिशत बढ़ गया है।

स्वेज नहर

Suez Canal Crisis Impact:पूर्वी भारत के प्रवेश द्वार कोलकाता बंदरगाह से निर्यात को भू-राजनीतिक अस्थिरता, सरकार द्वारा चावल निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध और आसमान छूती समुद्री माल ढुलाई लागत सहित कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे व्यापार गतिविधियों में मंदी आ सकती है। इंजीनियरिंग सामान, झींगा और चावल जैसी प्रमुख निर्यात वस्तुओं की रवानगी हाल के सप्ताहों में प्रभावित हुई हैं। लाल सागर में बढ़ते संघर्ष के कारण, पिछले साल दिसंबर से माल ढुलाई शुल्क, विशेष रूप से पश्चिमी तट के गंतव्यों के लिए 30-50 प्रतिशत बढ़ गया है।

ढुलाई लागत बढ़ी

कोलकाता बंदरगाह के अधिकारियों ने रविवार को कहा कि इंजीनियरिंग सामान, झींगा और चावल जैसी प्रमुख निर्यात वस्तुओं की रवानगी हाल के सप्ताहों में प्रभावित हुई हैं। अधिकांश प्रमुख माल ढुलाई जहाज लाल सागर से बचने के लिए ‘केप ऑफ गुड होप’ के आसपास का मार्ग अपना रहे हैं, जिससे 14-20 दिनों की भारी देरी हो रही है।उन्होंने कहा कि इस वैकल्पिक मार्ग से ढुलाई के कारण माल ढुलाई और बीमा लागत बढ़ी है, जिससे निर्यातकों का मार्जिन और कम हो गया।

अधिकारी ने कहा कि इस अचानक बढ़ोतरी ने लागत संरचनाओं को बाधित कर दिया है और कई निर्यात खेपों को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है।”

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