Gold Demand From Switzerland: गोल्ड की कीमतें भले ही आसमान छू रही हैं, इसके बावजूद भारतीयों का गोल्ड प्रेम कम नहीं हो रहा है। और बीते वित्त वर्ष में गोल्ड का आयात 30 फीसदी बढ़ गया है। इस दौरान भारत ने 45.54 अरब डॉलर गोल्ड का आयात किया है। वहीं अगर अप्रैल 2024 के आंकड़ों को देखा जाय तो स्विटजरलैंड आयात के लिए सबसे फेवरेट बन हया है। अप्रैल में स्विट्जरलैंड के बाद रूस, चीन, इराक और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से सबसे ज्यादा गोल्ड का आयात हुआ है। अप्रैल में गोल्ड का आयात दोगुने से अधिक होकर 3.11 अरब डॉलर पहुंच गया है।
स्विटजरलैंड सबसे बड़ा निर्यातक
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, स्विट्जरलैंड सोने के आयात का सबसे बड़ा स्रोत है और इसकी हिस्सेदारी लगभग 40 प्रतिशत है। इसके बाद यूएई की 16 प्रतिशत और दक्षिण अफ्रीका की करीब 10 प्रतिशत हिस्सेदारी है।देश के कुल आयात में कीमती धातु की हिस्सेदारी पांच प्रतिशत से अधिक है। फिलहाल सोने पर 15 प्रतिशत आयात शुल्क लगता है। चीन के बाद भारत दुनिया में गोल्ड का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है।
भारत का गोल्ड आयात वित्त वर्ष 2023-24 में 30 प्रतिशत बढ़कर 45.54 अरब डॉलर हो गया। हालांकि, इस साल मार्च में कीमती धातु का आयात 53.56 प्रतिशत घटकर 1.53 अरब डॉलर पर आ गया था।
कितना रहा व्यापार घाटा
वहीं अगर देश के आयात-निर्यात को देखा जाय तो वस्तुओं का निर्यात इस साल अप्रैल में एक प्रतिशत बढ़कर 34.99 अरब डॉलर रहा। पिछले साल इसी महीने में यह 34.62 अरब डॉलर था। इ दौरान व्यापार घाटा यानी आयात और निर्यात के बीच का अंतर 19.1 अरब डॉलर रहा। अप्रैल, 2023 में व्यापार घाटा 14.44 अरब डॉलर था। इससे पहले दिसंबर, 2023 में व्यापार घाटा 19.8 अरब डॉलर के उच्चस्तर पर रहा था।
इलेक्ट्रॉनिक, रसायन, पेट्रोलियम उत्पाद और औषधि जैसे क्षेत्रों में मजबूत वृद्धि ने वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद निर्यात में सकारात्मक वृद्धि दर्ज करने में मदद की है। वहीं आयात 10.25 प्रतिशत बढ़कर 54.09 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो अप्रैल 2023 में 49.06 अरब डॉलर था।इस साल अप्रैल में कीमती धातुओं का आयात दोगुना से अधिक होकर 3.11 अरब डॉलर रहा। कच्चे तेल का आयात 20.22 प्रतिशत बढ़कर 16.5 अरब डॉलर हो गया।
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने संवाददाताओं से कहा कि इन आंकड़ों से नए वित्त वर्ष की शुरुआत अच्छी होने के संकेत मिलते हैं। इसके आगे भी बने रहने की उम्मीद है।उन्होंने बताया कि 2023-24 के लिए वस्तुओं व सेवाओं में देश के कुल निर्यात के आंकड़ों को संशोधित कर 778.21 अरब डॉलर कर दिया गया है जो अभी तक का ‘‘सर्वाधिक’’ है। पिछले वित्त वर्ष में व्यापारिक वस्तुओं का निर्यात कुल मिलाकर 437.1 अरब डॉलर, जबकि सेवाओं का निर्यात 341.1 अरब डॉलर रहा।
माल निर्यात में 30 प्रमुख क्षेत्रों में से 13 में पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में अप्रैल में सकारात्मक वृद्धि देखी गई। इनमें कॉफी, तंबाकू, मसाले, प्लास्टिक और हस्तशिल्प शामिल हैं।