Business News: स्विट्जरलैंड ने भारत से छीना ये दर्जा, अब देना होगा ज्यादा टैक्स
स्विट्जरलैंड ने दोहरे कराधान से बचाव के लिए भारत के साथ हुए समझौते में 'सर्वाधिक फेवर्ड नेशन' (MFN) के प्रावधान को निलंबित कर दिया है। भारत ने कोलंबिया और लिथुआनिया के साथ कर संधियों पर हस्ताक्षर किए थे, जो कुछ तरह की आय पर कम कर दरें प्रदान करती थीं। ये दोनों देश बाद में ओईसीडी का हिस्सा बन गए।
स्विट्जरलैंड ने भारत से छीना ये दर्जा
Business News: स्विट्जरलैंड ने दोहरे कराधान से बचाव के लिए भारत के साथ हुए समझौते में 'सर्वाधिक फेवर्ड नेशन' (MFN) के प्रावधान को निलंबित कर दिया है। इस फैसले के बाद स्विट्जरलैंड में काम करने वाली भारतीय कंपनियों पर अधिक टैक्स लगने के साथ भारत में स्विस निवेश पर असर पड़ने की आशंका है। स्विट्जरलैंड के वित्त विभाग ने 11 दिसंबर को अपने एक बयान में MFN दर्जा वापस लेने की जानकारी देते हुए कहा कि यह कदम भारत के उच्चतम न्यायालय के पिछले साल आए एक फैसले के संदर्भ में उठाया गया है। उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि अगर किसी देश के 'आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन' (OECD) में शामिल होने से पहले भारत सरकार ने उस देश के साथ कर संधि पर हस्ताक्षर किए हैं तो MFN प्रावधान अपने-आप लागू नहीं होता है।
बढ़ जाएगा कर
भारत ने कोलंबिया और लिथुआनिया के साथ कर संधियों पर हस्ताक्षर किए थे, जो कुछ तरह की आय पर कम कर दरें प्रदान करती थीं। ये दोनों देश बाद में ओईसीडी का हिस्सा बन गए। स्विटजरलैंड ने 2021 में कहा था कि कोलंबिया और लिथुआनिया के ओईसीडी सदस्य बनने का मतलब है कि भारत-स्विट्जरलैंड कर संधि पर MFN प्रावधान के तहत लाभांश पर पांच प्रतिशत की दर ही लागू होगी, न कि समझौते में उल्लिखित 10 प्रतिशत की दर। हालांकि अब MFN का दर्जा हट जाने के बाद स्विट्जरलैंड एक जनवरी, 2025 से रिफंड का दावा करने वाले भारतीय कर निवासियों और विदेशी कर क्रेडिट का दावा करने वाले स्विस कर निवासियों के लिए लाभांश पर 10 प्रतिशत कर लगाएगा।
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स्विट्जरलैंड का हवाला
स्विस वित्त विभाग ने अपने बयान में आय पर करों के संबंध में दोहरे कराधान से बचने के लिए दोनों देशों के बीच हुए समझौते के MFN प्रावधान को निलंबित करने की घोषणा की। स्विट्जरलैंड ने अपने इस निर्णय के लिए 2023 में नेस्ले से संबंधित एक मामले में आए उच्चतम न्यायालय के एक फैसले का हवाला दिया। डिब्बाबंद खाद्य उत्पादों के कारोबार में लगी नेस्ले का मुख्यालय स्विट्जरलैंड के वेवे शहर में है। बयान के मुताबिक, नेस्ले मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2021 में दोहरे कराधान से बचाव संधि (डीटीएए) में MFN खंड को ध्यान में रखते हुए बकाया कर दरों के अनुप्रयोग को बरकरार रखा था। लेकिन उच्चतम न्यायालय ने 19 अक्टूबर, 2023 के एक फैसले में इस फैसले को पलट दिया था। स्विस सरकार के इस फैसले पर कर परामर्शदाता नांगिया एंडरसन में कर साझेदार संदीप झुनझुनवाला ने कहा कि अब स्विट्जरलैंड में काम करने वाली भारतीय इकाइयों की कर देनदारियां बढ़ सकती हैं।
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पवन कुमार मिश्रा Timesnowhindi.com के साथ फरवरी 2024 से बतौर सीनियर कॉपी एडिटर के रूप में जुड़े हैं। जन्म दिल्ली में हुआ और शिक्षा भी यहीं से पूरी की ह...और देखें
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