अभी तक बाढ़ से कैसे बचता रहा है ताज महल, इस बार बचा पाएगी ये खास डिजाइन
Taj Mahal In Danger From Yamuna Flood:ताज महल का निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां ने 1632 ईसवी में कराया था। ताज महल यमुना के किनारे खास लोकेशन को देखते बनाया गया था। आम तौर पर इमारतों को पानी से दूर बनाया जाता है, जिससे कि नमी का असर न हो। लेकिन ताज महल का निर्माण इस सिद्धांत से पूरी तरह उलट है।
TAJ MAHAL DESIGN AND FLOOD
Taj Mahal In Danger From Yamuna Flood:करीब 400 साल से दुनिया को अपनी खूबसूरती से अचरज में डाले हुए ताज महल पर नया खतरा मंडरा रहा है। यह खतरा यमुना के बाढ़ का है, जो इस समय आगरा में तांडव दिखा रही है। हालात ऐसे बन गए है कि 45 वर्षों में पहली बार यमुना नदी ने आगरा में ताज महल की दीवारों को छू लिया और इसके पीछे के एक बगीचे को जलमग्न कर दिया। यमुना का जल स्तर 497.9 फीट के खतरनाक लेवल पर पहुंच गया है। और अब यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या मेन ताज महल के अंदर बाढ़ का पानी पहुंच गया है। अगर ऐसा होगा तो यह 400 साल के इतिहास में पहली बार होगा। हालांकि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI)का मानना है कि ताज महल की डिजाइनिंग ऐसी है कि वह नहीं डूबेगा। उसे खास तौर से ऐसा डिजाइन किया गया है कि बाढ़ का पानी उसे नुकसान नहीं पहुंचा सके।
यमुना के किनारे है स्थित
ताज महल का निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां ने 1632 ईसवी में कराया था। ताज महल यमुना के किनारे खास लोकेशन को देखते बनाया गया था। आम तौर पर इमारतों को पानी से दूर बनाया जाता है, जिससे कि नमी का असर न हो। लेकिन ताज महल का निर्माण इस सिद्धांत से पूरी तरह उलट है। बताया जाता है कि ताज महल 50 कुओं की नींव पर टिकी हुआ है। पूरी इमारत का वजन इन कुओं पर है। निर्माण के दौरान इन कुओं में आबनूस और महोगनी की लड़कियों डाली गईं थी।कुओं की डिजाइन ऐसी है कि यमुना नदी से इन्हें नमी मिलती रहे। जिससे ताज महल की मजबूती बनी रहेगी।
संबंधित खबरें
ASI का क्या है दावा
भले ही यमुना में बाढ़ का पानी बढ़ता जा रहा है लेकि एएसआई के अधिकारियों को इससे नुकसान का डर नहीं सता रहा है। ताज महल में एएसआई के संरक्षण सहायक प्रिंस वाजपेई ने कहा कि ताज महल को इस तरह से बनाया गया है कि भारी बाढ़ के दौरान भी पानी मुख्य मकबरे में प्रवेश नहीं कर सकता । आखिरी बार 1978 की बाढ़ के दौरान यमुना ने ताज महल की पिछली दीवार को छुआ था।
डिजाइन में क्या है खास
ताज महल को अभी तक बाढ़ के पानी से बचाने में उसकी ऊंचाई काम आती रही है। ताज महल की लंबाई 73 मीटर है यानी करीब वह 243 फिट ऊंचा है। ताजमहल को 22 फिट ऊंचे प्लेटफॉर्म पर बनाया गया है। यानी ताजमहल का प्लेटफॉर्म ही करीब दो मंजिला इमारत जितना ऊंचा है।
इसके अलावा ताज महल परिसर और उसके आस-पास नहरों और बांध इस तरह बनाए गए, जिससे बाढ़ के पानी को रोका जा सके। इसके अलावा ताजमहल परिसर को काफी खुला रखा गया है। इससे पानी के एक जगह एकत्र होने की गुंजाइश कम रहती है।
1978 में हुआ था सबसे बुरा हाल
1978 में यमुना में जल स्तर 508 फीट तक पहुंच गया था, जो अब तक का रिकॉर्ड है। ताज महल के बसई घाट बुर्ज की उत्तरी दीवार पर लेवल अंकित है। उस समय पानी गाद छोड़कर स्मारक के बेसमेंट के 22 कमरों में घुस गया था। बाद में एएसआई ने लकड़ी के दरवाजे (जिनके माध्यम से पानी तहखाने में प्रवेश करता था) हटा दिए और बसई और दशहरा घाट के प्रवेश द्वार पर दीवारें खड़ी कर दीं।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | बिजनेस (business News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन, डिजिटल और बिजनेस पत्रकारिता में काम कर...और देखें
Indian Economy: नेशनल इंडेक्स स्कोर में 29 देशों में दूसरे स्थान पर भारत, रिपोर्ट में हुआ खुलासा
ग्रीन हाइड्रोजन को मिलेगा बढ़ावा, IIT Bombay ने HSBC से हाथ
Indian Economy: महिलाओं से मिलेगी आर्थिक वृद्धि को रफ्तार, प्रधानमंत्री ने जताया भरोसा: वित्त मंत्री
Indian Real Estate: भारत के रियल एस्टेट में जारी रहेगी वृद्धि, रिपोर्ट में हुआ खुलासा
जर्मनी हर साल 288000 बाहरी लोगों को देगा कमाई का मौका, भारतीय कैसे ले सकते हैं फायदा
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited