टूट गई टाटा-बिसलेरी की डील,जानें कहां फंस गया पेंच

Tata Ceases talks with Bisleri: शुक्रवार को टाटा कंज्यूमर ने कहा है कि उसने बिसलेरी इंटरनेशनल में हिस्सेदारी खरीदने के लिए चल रही बातचीत को खत्म कर दिया है। खबरों के अनुसार दोनों कंपनियों के बीच डील के वैल्यूएशन को लेकर बात अटक गई है।

जानें क्यों टूट गई टाटा-बिसलेरी की डील

Tata Ceases talk with Bisleri: बीते नवंबर में जब बिसलेरी के बिकने की खबर आई थी, तो सभी को हैरानी में डाल दिया था। कंपनी के चेयरमैन रमेश चौहान ने कहा था कि वह उत्तराधिकारी के अभाव में कंपनी को बेच रहे हैं। उस समय चारों तरफ यही चर्चा थी कि रमेश चौहान की बेटी जयंती चौहान की बिसलेरी के कारोबार को बढ़ाने में रुचि नहीं है। इसीलिए बोतलबंद पानी के बाजार में करीब 32 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाली बिसलेरी को टाटा ग्रुप को बेचने का रमेश चौहान ने मन बना लिया । और ऐसी खबरें थी कि टाटा ग्रुप कंपनी को खरीदने के रेस में सबसे आगे था। लेकिन करीब तीन महीने बाद टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा कंज्यूमर ने ऐलान किया है, उसने डील के लिए हो रही बातचीत को खत्म कर दिया है और वह अब इसे खरीदने के रेस में नहीं है।

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7000 करोड़ में डील फाइनल होने की चल रही थी बात

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रायटर्स की खबर के अनुसार शुक्रवार को टाटा कंज्यूमर ने कहा है कि उसने बिसलेरी इंटरनेशनल खरीदने के लिए चल रही बातचीत को खत्म कर दिया है। असल में नवंबर में ईटी की रिपोर्ट के अनुसार यह जानकारी आई थी कि रमेश चौहान टाटा ग्रुप को बिसलेरी 7000 करोड़ रुपये में बेच सकते हैं। हालांकि डील टूटने पर फिलहाल बिसलेरी के तरफ से रायटर्स को कई जवाब नहीं मिला है।

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