टाटा समूह ने रचा इतिहास, 400 अरब डॉलर के पास पहुंचा मार्केट कैप, TCS और टाटा मोटर्स ने किया कमाल
Tata Group MCap: टाटा समूह शुक्रवार को 400 अरब डॉलर के संयुक्त वैल्यूएशन को पार करने वाला पहला भारतीय समूह बन गया। नमक से लेकर सॉफ्टवेयर तक के कारोबार वाले इस समूह की 26 कंपनियां शेयर बाजारों में लिस्टेड हैं और पिछले साल उन्होंने 100 बिलियन डॉलर का भारी-भरकम निवेश किया है। जून के निचले स्तर से समूह का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन 15.4 फीसदी बढ़ गया है, जो शुक्रवार को मार्केट क्लोजिंग तक 401 अरब डॉलर (33.6 लाख करोड़) हो गया।
TCS और टाटा मोटर्स का कमाल
190 अरब डॉलर के मार्केट कैपिटलाइजेशन के साथ, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) समूह के वैल्यूएशन में 47 फीसदी का योगदान देती है। भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी के शेयर शुक्रवार को 4,422.45 रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गए। टीसीएस के अलावा, समूह की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी-टाटा मोटर्स-भी रिकॉर्ड ऊंचाई पर कारोबार कर रही है। नोमुरा से रेटिंग अपग्रेड के बाद पिछले तीन सत्रों में टाटा मोटर्स के शेयरों में 12 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। विदेशी ब्रोकरेज का मानना है कि टाटा मोटर्स को जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) से काफी लाभ हो सकता है, जिससे कंपनी का प्रॉफिटी मार्जिन और अधिक बढ़ जाएगा।
TCS पर जताया भरोसा
जेपी मॉर्गन के अनुसार, टीसीएस ने तिमाही के अंत में रेवेन्यू में मजबूत बढ़ोतरी दर्ज की, जिससे संकेत मिलता है कि मुश्किलें कम हो सकती हैं। सबसे पॉजिटिव बात यह रही है कि फाइनेंशियल सर्विसेज और टेक्नोलॉजी, मीडिया और टेलीकॉम समेत प्रमुख उद्योगों में सुधार हुआ है। ब्रोकरेज जिसने 4,600 रुपये टार्गेट प्राइस के साथ स्टॉक पर 'ओवरवेट' रेटिंग दी है, उसने देखा कि भले ही वित्त वर्ष 26 की वृद्धि की गति अनिश्चित बनी हुई है, लेकिन टीसीएस की अपसाइकिल को वापस पकड़ने की क्षमता पर भरोसा है। जे.पी. मॉर्गन ने एक निवेशक नोट में लिखा कि हम वित्त वर्ष 25-27 के दौरान राजस्व/ईपीएस में 1-2 फीसदी की वृद्धि करते हैं और टार्गेट प्राइस में 2 फीसदी की वृद्धि करते हैं। हम OW पर बने हुए हैं और उम्मीद करते हैं कि डिविडेंट प्राप्ति के समर्थन से TCS ग्रोथ की रिकवरी करते हुई नजर आएगी।
नेट प्रॉफिट 10 अरब डॉलर के पार
ब्लूमबर्ग के आंकड़ों से पता चलता है कि सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस के साथ-साथ टाटा मोटर्स, टाइटन और टाटा स्टील जैसे ग्रुप के अन्य शेयरों का समूह के वैल्यूएशन में लगभग 75 फीसदी हिस्सा है। दस लाख से अधिक लोगों को रोजगार देने वाले इस समूह ने वित्त वर्ष 24 में 165 बिलियन डॉलर का राजस्व हासिल किया, जबकि इसी वर्ष के दौरान नेट प्रॉफिट 10 अरब डॉलर को पार कर गया।
देश के तीन सबसे बड़े कारोबारी समूह
मुकेश अंबानी की अगुवाई वाला रिलायंस समूह 277 बिलियन डॉलर के मार्केट कैपिटलाइजेशन के साथ दूसरे स्थान पर है, जबकि अडानी समूह 206 अरब डॉलर के मार्केट कैप के साथ तीसरे स्थान पर है। देश के तीन सबसे बड़े समूह मिलकर 884 अरब डॉलर के मार्केट कैपिटलाइजेशन क्लेम करते हैं, जो स्पेन के मार्केट कैप से अधिक है। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार, दुनिया का 19वां सबसे बड़ा बाजार स्पेन 815 अरब डॉलर का मार्केट कैप रखता है।