tcs से लेकर Infosys तक में घटी कर्मचारियों की संख्या, ऐसे लोगों पर जोर दे रही हैं IT कंपनियां

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), इंफोसिस और एचसीएल टेक ने कुल मिलाकर दूसरी तिमाही में अपने कर्मचारियों की संख्या में 16,162 की गिरावट दर्ज की है। तीनों कंपनियों ने यह भी कहा है कि वे अधिकांश एट्रिशन की भरपाई नहीं कर रही हैं। कंपनियां नए टैलेंट से काम लेने पर जोर दे रही हैं।

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भारत की टॉप तीन आईटी कंपनियों में वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में कर्मचारियों की संख्या में गिरावट आई है। कंपनियां छंटनी की भरपाई नहीं करने और पहले से ही ऑनबोर्ड किए गए नए टैलेंट से काम ले रही हैं। डिमांड में आई गिरावट की वजह से कंपनियां नए कर्मचारियों को भर्ती नहीं कर रही हैं। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), इंफोसिस और एचसीएल टेक ने कुल मिलाकर दूसरी तिमाही में अपने कर्मचारियों की संख्या में 16,162 की गिरावट दर्ज की है।

बड़ी गिरावट

टीसीएस के कर्मचारियों की संख्या में 6,333 की गिरावट आई है। आंकड़ों के हिसाब से देखें, तो पिछले पांच साल में टीसीएस में सबसे बड़ी गिरावट है। इंफोसिस में एक तिमाही में 7,530 कर्मचारियों की संख्या के रूप में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट देखी गई है। एचसीएलटेक में कर्मचारियों की संख्या में 2,299 की गिरावट देखी गई। सभी कंपनियों के ह्यूमन रिसोर्सेज प्रमुखों का कहना है कि वो उस टैलैंट का इस्तेमाल करना चाहते हैं, जिसे उन्होंने पहले ही ऑनबोर्ड किया है।

टीसीएस

तीनों कंपनियों ने यह भी कहा है कि वे अधिकांश एट्रिशन की भरपाई नहीं कर रही हैं, जो उनके लिए एलटीएम (पिछले 12 महीने) के आधार पर 14 प्रतिशत की सीमा में है। टीसीएस के चीफ ह्यूमन रिसोर्स अधिकारी मिलिंद लक्कड़ ने कहा कि यह नए लोगों को नियुक्त करने और उन्हें तैनात करने की कंपनी की रणनीति का एक हिस्सा है। उन्होंने कहा कि हम लगभग डेढ़ साल से नए टैलेंट में निवेश कर रहे हैं और अब निवेश का नतीजा मिल रहा है। लक्कड़ ने विश्लेषकों से कहा कि उन्हें उम्मीद है कि आने वाली तिमाहियों में कर्मचारियों की संख्या में कमी जारी रहेगी, भले ही संख्या इतनी अधिक न हो।

इंफोसिस

इंफोसिस में मुख्य वित्तीय अधिकारी नीलांजन रॉय ने कहा कि ट्रेनिज को छोड़कर उपयोग में सुधार हुआ है, लेकिन आगे अनुकूलन की गुंजाइश है। भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी में पिछली तिमाही से 2.2 प्रतिशत की गिरावट आई है। रॉय ने कहा कि कंपनी ने डिमांड से पहले काम पर रखा है और चूंकि मांग अब धीमी हो रही है, इसलिए वर्कफोर्स में गिरावट देखी गई है।उन्होंने इन्फोसिस के पास अभी भी एक महत्वपूर्ण नई बेंच है जो ऑनबोर्ड होने की प्रतीक्षा में है। इसी कारण कंपनी कैंपस में भी नहीं जा रही है।

एचसीएलटेक

एचसीएलटेक के सीईओ सी विजयकुमार ने बताया कि पहले से ही प्रशिक्षित फ्रेशर्स के साथ बहुत एट्रिशन देखने को मिली। उन्होंने कहा कि नए लोगों पर पिछले कुछ वर्षों में हमारे निवेश ने वास्तव में परिणाम दिखाना शुरू कर दिया है और यह इस तिमाही की लाभ की संख्या में दिखाई दे रहा है। कंपनी के प्रबंधन ने कहा कि पिछले 18 महीनों में उन्होंने जिन फ्रेशर्स को काम पर रखा था उन्हें अब प्रशिक्षित किया गया है और अंतिम तिमाही में प्रोजेक्ट पर तैनात किया गया है। एचसीएलटेक ने कहा कि उसने वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में लगभग 5,200 फ्रेशर्स को ऑनबोर्ड किया। साथ ही ये भी कहा कि उम्मीद है कि वह लगभग 10,000 फ्रेशर्स को काम पर रखकर साल का समापन करेगा।
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