Tea Board: चाय बोर्ड के अधिकारियों को उत्तर बंगाल के कई बागानों का किया निरीक्षण, मिली ये गड़बड़ी

Tea Board: पिछले कई दिनों से उत्तर बंगाल के विभिन्न चाय बागानों में बड़े पैमाने पर यह अभियान चलाया जा रहा है। भारतीय लघु चाय उत्पादक संघ के महासंघ (सीआईएसटीए) के अध्यक्ष ने उत्तर बंगाल के कई बागानों के निरीक्षण में चाय बोर्ड द्वारा की गई कार्रवाई का स्वागत किया है।

Tea Board officials inspected many gardens of North Bengal

चाय बागान।

Tea Board: चाय बोर्ड के अधिकारियों की एक विशेष टीम ने उत्तर बंगाल के कई चाय बागानों का निरीक्षण किया ताकि वहां पैदा होने वाली चाय की फसल की पत्तियों की गुणवत्ता का पता लगाया जा सके। चाय बोर्ड के एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि इन बागानों से कई नमूने एकत्र किए गए हैं और उनकी गुणवत्ता निर्धारित की जाएगी।

चाय बोर्ड ने इन बागानों से नमूने जुटाए

अधिकारी ने कहा, “पिछले कई दिनों से उत्तर बंगाल के विभिन्न चाय बागानों में बड़े पैमाने पर यह अभियान चलाया जा रहा है। चाय बोर्ड ने इन बागानों से नमूने जुटाए हैं और चाय विपणन नियंत्रण आदेश (टीएमसीओ) के प्रावधानों के अनुसार भविष्य की कार्रवाई तय की जाएगी।”

भारतीय लघु चाय उत्पादक संघ के महासंघ (सीआईएसटीए) के अध्यक्ष बिजॉय गोपाल चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘हम उत्तर बंगाल के कई बागानों के निरीक्षण में चाय बोर्ड द्वारा की गई कार्रवाई का स्वागत करते हैं। हम मांग करते हैं कि इन संस्थाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि यह भविष्य में एक निवारक बन सके।’’

क्या मिली है चाय में गड़बड़ी

चक्रवर्ती ने कहा कि सीआईएसटीए को पता चला है कि कुछ चाय बागान असम से चाय का अपशिष्ट खरीद रहे हैं और उसे बागानों में उत्पादित हरी पत्तियों के साथ मिला रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमने चाय बोर्ड को इन बागानों की इन गड़बड़ियों के बारे में सूचित कर दिया है। नियमों के अनुसार, किसी भी बागान के कुल उत्पादन का दो प्रतिशत चाय अपशिष्ट घोषित किया जाना चाहिए।”

हर साल लगभग दो करोड़ किलोग्राम चाय बेची जा रही

उन्होंने कहा कि इस कचरे का उपयोग या तो चाय बनाने या फिर जैविक खाद बनाने में किया जाना चाहिए। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “यहां तक कि ये लोग चाय अपशिष्ट में कृत्रिम रंग मिलाकर हरी पत्तियों के साथ मिला रहे थे।” उन्होंने कहा, “चाय अपशिष्ट को हरी पत्तियों के साथ मिलाने से लाभ का मार्जिन बढ़ जाता है। हर साल लगभग दो करोड़ किलोग्राम चाय बेची जा रही है। इसलिए यह इनके लिए एक आकर्षक कारोबार बन गया है।”

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आशीष कुशवाहा author

आशीष कुमार कुशवाहा Timesnowhindi.com में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। वह 2023 से Timesnowhindi.com के साथ जुड़े हैं। वह यहां शेयर बाजार, ...और देखें

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