टेक्नोलॉजी का नौकरियों पर असर! अधिकांश कामकाजी पेशेवर भविष्य को लेकर चिंतित, रिपोर्ट में दावा

हीरो समूह की कंपनी हीरो वायर्ड की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अधिकांश कामकाजी पेशेवर नई टैक्नोलॉजी के कारण नौकरियां गैर-जरूरी बनाए जाने को लेकर चिंतित हैं।

क्या नई टेक्नोलॉजी से नौकरियों पर असर पड़ेगा?

अधिकांश कामकाजी पेशेवर नई प्रौद्योगिकियों के कारण नौकरियां गैर-जरूरी बनाए जाने को लेकर चिंतित हैं लेकिन उन्हें कौशल बढ़ाने से तेजी से बदलते कामकाजी माहौल में आगे बढ़ने में मदद मिलने की उम्मीद है। एक अध्ययन रिपोर्ट में यह आकलन पेश किया गया है। हीरो समूह की कंपनी हीरो वायर्ड की यह रिपोर्ट करीब दो लाख लोगों के बीच कराए गए एक व्यापक सर्वेक्षण पर आधारित है। इस सर्वेक्षण में छात्र, कामकाजी पेशेवर और शिक्षाविद शामिल थे।

रिपोर्ट के मुताबिक अध्ययन में शामिल 82 प्रतिशत कामकाजी पेशेवरों ने उभरती प्रौद्योगिकियों के कारण नौकरियों को गैर-जरूरी बनाए जाने की आशंका जताई है। यह निष्कर्ष नौकरी की सुरक्षा पर विकसित प्रौद्योगिकियों के प्रभाव के बारे में कार्यबल के भीतर की बेचैनी दिखाता है। रिपोर्ट कहती है कि इन चिंताओं के बावजूद 78 प्रतिशत कामकाजी पेशेवर तेजी से बदलते कामकाजी माहौल में आगे बढ़ने के लिए कौशल में सुधार को एक सक्रिय रणनीति मानते हैं। इसके मुताबिक, यह स्वीकृति आज के गतिशील नौकरी बाजार में प्रासंगिक बने रहने के लिए निरंतर सीखने और कौशल बढ़ाने की अहमियत को लेकर बढ़ती जागरूकता दिखाती है।

हीरो वायर्ड के संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अक्षय मुंजाल ने कहा कि चूंकि पेशेवर और कंपनियां समान रूप से स्थिरता, फिटनेस और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं लिहाजा इन क्षेत्रों में नौकरियों की मांग होगी। रिपोर्ट के मुताबिक, 39 प्रतिशत प्रतिभागियों का मानना है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के बारे में जानकारी उनके मौजूदा संगठनों के भीतर उनके करियर विकास के अवसरों को प्रभावित करने लगी है। हालांकि 43 प्रतिशत पेशेवर अपने नियोक्ता की तरफ से एआई से संबंधित समुचित प्रशिक्षण न दिए जाने की बात करते हैं। (भाषा इनपुट)

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