इन लोगों को देना पड़ेगा बिजली बिल पर 18% GST ! सीबीआईसी का नया फैसला किराएदारों पर पड़ेगा भारी
GST on Electricity Bill: सीबीआईसी के अनुसार अगर बिजली की सप्लाई अचल प्रॉपर्टी के किराए या बिल्डिंग के मेंटेनेंस से जुड़ी हो, तो यह कंपोजिट सप्लाई मानी जाएगी और इस पर इसी हिसाब से जीएसटी लगेगा।
बिजली बिल पर जीएसटी
- किराएदारों को लगेगा झटका
- बिजली के बिल पर लग सकता है जीएसटी
- देना होगा 18 फीसदी जीएसटी
GST on Electricity Bill: केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने एक सर्कुलर के जरिए एक स्पष्टीकरण जारी किया है। इस स्पष्टीकरण के तहत यदि रियल एस्टेट फर्म, मॉल या एयरपोर्ट बिजली बिल को रेंट या मेंटेनेंस चार्ज में जोड़ते हैं तो इसे कंपोजिट सप्लाई मानते हुए 18 फीसदी जीएसटी (GST) लगेगा।
वहीं अगर बिजली की सप्लाई रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन या रियल एस्टेट डेवेलपर्स करें और बिजली बिल राज्य के इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड या डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों के रियल चार्ज के लिहाज से ही लिया जाए तो उस पर जीएसटी नहीं लगेगा।
मेन सप्लाई के आधार पर जीएसटी रेट लागू होगा
सीबीआईसी के अनुसार अगर बिजली की सप्लाई अचल प्रॉपर्टी के किराए या बिल्डिंग के मेंटेनेंस से जुड़ी हो, तो यह कंपोजिट सप्लाई मानी जाएगी और इस पर इसी हिसाब से जीएसटी लगेगा। ऐसे में अगर बिजली का बिल अलग से भी तैयार हो, तो सप्लाई को कंपोजिट सप्लाई ही माना जाएगा। नतीजे में मेन सप्लाई के आधार पर जीएसटी रेट लागू किया जाएगा।
उदाहरण से समझिए पूरा गणित
अगर कोई खरीदार 20,000 रुपये में टीवी खरीदता है और इस पर 18 फीसदी जीएसटी लगता है। वेंडर, खरीदारी से कहता है कि पैकेजिंग पर अलग से 400 रुपये खर्च करने होंगे, जिस पर 12 फीसदी जीएसटी अलग से लगेगा। खरीदार को 300 रु डिलीवरी चार्ज भी देना पड़ेगा। इस पर 5 फीसदी जीएसटी असग से होगा।
इस मामले में टीवी की खरीदारी मेन सप्लाई है और 18 पर्सेंट जीएसटी लागू है। बाकी खर्चे सहायक शुल्क माने जाएंगे। पर इस पूरे खर्च को कंपोजिट सप्लाई माना जाएगा।
प्रॉपर्टी के मामले में क्या होगा
अचल संपत्ति को किराए पर देने का मामला इसी तरह है। प्रॉपर्टी के किराये के साथ बिजली की सप्लाई और/या बिल्डिंग या सोसायटी के मेंटेनेंस को कंपोजिट सप्लाई माना जाएगा। इसमें अचल संपत्ति प्रिंसिपल सप्लाई है, मगर बिजली की सप्लाई सहायक सप्लाई होगी। टैक्स एक्सपर्ट्स के अनुसार ये किराएदार पर अतिरिक्त बोझ होगा, क्योंकि ये टैक्स वही देगा।
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काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर व...और देखें
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