इन वजहों से Nifty हुआ 20 हजारी, G-20-रिलायंस और HDFC ने दिया बूस्ट
Nifty At All Time High Touches 20000 Level: अप्रैल-जून तिमाही में भारतीय इकोनॉमी की ग्रोथ 7.8 फीसदी रही। यह दूसरे देशों की ग्रोथ के मुकाबले बहुत ज्यादा है। इससे घरेलू और विदेशी निवेशकों का भरोसा भारत पर बढ़ा है। वहीं दूसरी तरह चीन की इकोनॉमी की खराब हालत ने दुनियाभर के निवेशकों के लिए भारत को निवेश के लिए बेहतरीन स्पॉट बना दिया है।
ऑलटाइम हाई पर Nifty
Nifty At All Time High Touches 20000 Level: घरेलू निवेशकों की तगड़ी लिवाली से सोमवार को NSE Nifty 50 ने पहली बार 20,000 अंक का स्तर छुआ। निफ्टी ने पुरा नेऑल-टाइम हाई के रिकॉर्ड को 37 सत्रों के बाद तोड़कर 20 हजार का आंकड़ा छुआ है। इस साल 20 जुलाई को निफ्टी ने 19,991 का अपना ऑल-टाइम हाई बनाया था। रिकॉर्ड तेजी की प्रमुख वजहों में दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन से बने पॉजिटिव माहौल, रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी बैंक में खरीदारी आने से शेयर बाजार में तेजी दिखी है।
स्थानीय निवेशकों का सपोर्ट
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का सूचकांक निफ्टी 176.40 अंक या 0.89 प्रतिशत की बढ़त के साथ 19,996.35 पर बंद हुआ। एक्सचेंज पर कारोबार बंद होने के ठीक पहले निफ्टी 188.2 अंक उछलकर 20,008.15 के अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था।एचडीएफसी सिक्योरिटीज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी धीरज रेली ने कहा कि निफ्टी जुलाई के बाद अपने दूसरे प्रयास में आखिरकार 20,000 अंक के बहुप्रतीक्षित स्तर को छूने में कामयाब रहा। विदेशी निवेशकों के मिलेजुले रुख के बावजूद स्थानीय निवेशकों के मजबूत समर्थन ने निफ्टी को यह मुकाम हासिल करने में मदद की है।
रेली ने कहा कि हाल में अंतरिक्ष और कूटनीति के क्षेत्रों में भारत को मिली उपलब्धियों ने वैश्विक स्तर पर कायम अस्थिरता के दौर में भारतीय शेयरों के लिए धारणा को मजबूती देने का काम किया है।सेंसेक्स के समूह में शामिल कंपनियों में से एक्सिस बैंक, पावर ग्रिड, मारुति सुजुकी, भारतीय स्टेट बैंक, टाटा मोटर्स, आईटीसी, नेस्ले और महिंद्रा एंड महिंद्रा प्रमुख रूप से बढ़त के साथ बंद हुईं।
महंगाई कम होने की उम्मीद
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि घरेलू बाजारों ने दिन की शुरुआत सकारात्मक रुख के साथ की। दरअसल जी20 शिखर सम्मेलन में हासिल ऐतिहासिक सहमति ने निवेशकों में भरोसा जगाने का काम किया। सब्जियों की कीमतों में गिरावट से मुद्रास्फीति कम होने की उम्मीदों ने भी आशावादी नजरिये को मजबूती दी।
GDP के अच्छे आंकड़े
अप्रैल-जून तिमाही में भारतीय इकोनॉमी की ग्रोथ 7.8 फीसदी रही। यह दूसरे देशों की ग्रोथ के मुकाबले बहुत ज्यादा है। इससे घरेलू और विदेशी निवेशकों का भरोसा भारत पर बढ़ा है। वहीं दूसरी तरह चीन की इकोनॉमी की खराब हालत ने दुनियाभर के निवेशकों के लिए भारत को निवेश के लिए बेहतरीन स्पॉट बना दिया है।
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