2000 के नोट बदलने में ये गलतियां पड़ेंगी भारी, जान ले एक-एक नियम, नहीं तो मुसीबत में पड़ जाएंगे
अगर आप भी अपने 2000 रु के नोट बदलने जा रहे हैं तो इस खबर में बताए जाने वाले सभी अहम नियमों के बारे में जरूर जान लें। ऐसे कई लेन-देन हैं जिनमें पैन की डिटेल देना जरूरी है।
2000 के नोट बदलने का नियम
- 2000 के नोट बदलने से पहले जानें नियम
- कई ट्रांजेक्शन के लिए पैन है जरूरी
- नोटबंदी में भेजे गए थे टैक्स नोटिस
2000 Note Change Rule : सरकार ने 2000 रु के नोट बंद (Rs 2000 Note Ban) करने का ऐलान कर दिया है। इसे नोटबंदी (Demonetization) पार्ट-2 कहा जा रहा है। हालांकि इस बार स्थिति काफी अलग है। इस बार केवल एक करेंसी (2000 रु के नोट) बंद किए गए हैं। साथ ही लोगों के पास 4 महीने का समय है। तब तक ये नोट लीगल टेंडर (Legal Tender) यानी वैध होंगे। मगर कई नियम भी हैं, जो नोट बदलने वालों को परेशान कर सकते हैं। अगर आप भी अपने 2000 रु के नोट बदलने जा रहे हैं तो इस खबर में बताए जाने वाले सभी अहम नियमों के बारे में जरूर जान लें।
बिना पैन के लिए लेन-देन नहीं
ऐसे कई लेन-देन हैं जिनमें पैन की डिटेल देना जरूरी है। इनमें एक बार में होटल या रेस्तरां को एक बार में बिल का 50,000 से अधिक का नकद भुगतान शामिल है। वहीं विदेश यात्रा के मामले में या किसी एक समय में किसी विदेशी करेंसी की खरीदारी की पेमेंट के मामले में भी पैन जरूरी है। यानी अगर कोई इस तरह से अधिक कैश खपाना चाहे तो पैन देना होगा।
इसी तरह, हर 2 लाख रु से अधिक की राशि के लेन-देन के लिए भी पैन चाहिए। चाहे आप सामान खरीदें या फिर किसी सर्विस के लिए पेमेंट करें।
ई-चालान के लिए नियम
एक नया नियम ई-चालान को लेकर भी है। इस महीने की शुरुआत में, जरूरी ई-चालान लिमिट को घटाकर 5 करोड़ रुपये कर दिया गया। अगर आप अपने नोट बदल या जमा करें तो इस नियम को जरूर ध्यान में रखें। इस बीच ये माना जा रहा है कि सितंबर के अंत तक 2000 के नोट लीगल टेंडर हैं, मगर इन्हें बदलने के लिए जमाखोर नये रास्ते तलाशेंगे।
जानिए सभी बड़े पॉइंट्स
- कई लेन-देन के लिए पैन डिटेल देना जरूरी
- कुछ लेन-देन की राशि 50000 ही हो तो भी पैन जरूरी
- 2 लाख रु से अधिक की गुड्स या सर्विसे के लिए हर पेमेंट पर चाहिए पैन
- ई-चालान लिमिट को घटाकर 5 करोड़ रुपये कर दिया गया है
टैक्स नोटिस पर सरकार ने कुछ नहीं कहा
जिन लोगों ने नोटबंदी के दौरान कैश जमा किया था, उन्हें इनकम टैक्स नोटिस मिले थे। सरकार ने तब आश्वासन दिया था कि 2.50 लाख रुपये तक की सेविंग्स पर सवाल नहीं उठाया जाएगा। हालांकि, इस बार, अभी तक ऐसा कोई दिशानिर्देश नहीं है। यानी सरकार इस बार ऐसे लोगों से भी पूछताछ कर सकती है। जानकार मान रहे हैं कि ऐसे मामलों के लिए और स्पष्टीकरण या राहत दी जानी चाहिए।
कई तरह के हैं प्रतिबंध
ईटी की रिपोर्ट में चार्टर्ड एकाउंटेंट सिद्धार्थ बनवत के हवाले से कहा गया है कि 2,000 रुपये के नोटों की बड़ी मात्रा को अलग-अलग जगह लगाने के लिए विभिन्न योजनाओं पर काम करने वाले लोगों को नतीजों के बारे में सोचना चाहिए।
कुछ लेनदेन में शॉर्ट टर्म ट्रेड के मौके दिखाई दे सकते हैं, लेकिन कई कानूनों के तहत पर्याप्त प्रतिबंध भी हैं।
2016 के बाद हुए नियम सख्त
2016 की नोटबंदी के बाद से नियम सख्त हो गए हैं और 2,000 रु के नोट वापस लेने से रियल एस्टेट (Real Estate) जैसे बाजारों पर असर पड़ने की उम्मीद है। ऐसे में नकद जमाखोरों के पास बहुत कम ऑप्शन बचेंगे।
ऐसे लोगों के लिए इन नोटों को बैंक में जमा करना और टैक्स के लिए रखना कोई सॉल्यूशन नहीं है। जिन लोगों ने 2016 में ऐसा किया था, उन्हें टैक्स डिमांड और फिर से एसेसमेंट के नोटिस भेजे गए।
कैसे बदलें नोट
एसबीआई ने कहा है कि ग्राहक 20,000 रुपये तक की राशि के 2000 रुपये के नोट बिना मांग पर्ची बदल सकते हैं। इसके लिए किसी आईडी प्रूफ की भी जरूरत नहीं होगी।
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