हर कार-बाइक मालिक के पास होनी चाहिए ये पॉलिसी, संकट में यही आएगी काम

Third Party Insurance: थर्ड पार्टी बीमा तीसरे पक्ष से संबंधित होता है। यानी वाहन से दुर्घटना होने पर, पीड़ित व्यक्ति को तीसरी पार्टी माना जाता है। और उसे बीमा कंपनी क्लेम राशि देती है।

क्या होता है थर्ड पार्टी इंश्योरेंस

Third Party Insurance: देश में तेजी से कार और दोपहिया वाहनों की बिक्री बढ़ रही है। लेकिन इसके साथ विडंबना यह अभी है कि अभी 54 फीसदी वाहन ऐसे हैं जिनका बीमा नहीं है। यानी सड़क पर अगर कोई हादसा होता है, तो उसका बीमा नहीं है। और उसका खामियाजा हादसे में घायल या मृत होने वाले व्यक्ति के साथ वाहन चालक को भी उठाना पड़ सकता है। इसलिए कम से कम वाहन का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस होना बेहद जरुरी है। क्योंकि ऐसा न होने पर जिस वाहन के जरिए हादसा हुआ है, उसके चालक या फिर ओनर को आर्थिक के साथ कानूनी कार्रवाई का भी सामना करना पड़ सकता है।
क्या है थर्ड पार्टी इंश्योरेंस
थर्ड पार्टी बीमा तीसरे पक्ष से संबंधित होता है। यानी वाहन से दुर्घटना होने पर, पीड़ित व्यक्ति को तीसरी पार्टी माना जाता है। और उसे बीमा कंपनी क्लेम राशि देती है। यहां फर्स्ट पार्टी वाहन चलाने वाला और थर्ड पार्टी वाहन की चपेट में आने वाला होता है। जबकि सेकंड पार्टी बीमा कंपनी होती है। अब हर वाहन का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिवार्य है। इसके अलावा नया दोपहिया वाहन खरीदते समय कम से कम 5 साल के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिवार्य कर दिया गया है।
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