तीसरी तिमाही के GDP आंकड़े रहस्यमयी, इन्हें समझना मुश्किल, बोले पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन

GDP: पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने शुक्रवार को कहा कि भारत के ताजा जीडीपी आंकड़े ''पूरी तरह रहस्यमयी'' हैं और इन्हें समझ पाना मुश्किल है।

पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्य

GDP: पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने शुक्रवार को कहा कि भारत के ताजा जीडीपी आंकड़े ''पूरी तरह रहस्यमयी'' हैं और इन्हें समझ पाना मुश्किल है। हाल ही में जारी आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था 8.4 प्रतिशत की दर से बढ़ी। ये आंकड़े उम्मीद से बेहतर हैं और पिछले डेढ़ साल में सबसे अधिक हैं। सुब्रमण्यम ने एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में इस पर कहा कि मैं आपको ईमानदारी से बताना चाहता हूं कि ताजा जीडीपी आंकड़ों को मैं समझ नहीं पा रहा हूं। उन्होंने कहा कि मैं पूरे सम्मान के साथ कहना चाहता हूं कि ये बिल्कुल रहस्यमयी हैं। वे मेल नहीं खाते हैं। मुझे नहीं पता कि उनका क्या मतलब है।

वास्तविक मुद्रास्फीति तीन से पांच प्रतिशत के बीच

राष्ट्रीय सांख्यिकीय संगठन (एनएसओ) ने चालू वित्त वर्ष की पहली और दूसरी तिमाही के लिए भी जीडीपी अनुमान को संशोधित कर क्रमशः 8.2 प्रतिशत और 8.1 प्रतिशत कर दिया है। सुब्रमण्यन ने कहा कि इन आंकड़ों में 'निहित मुद्रास्फीति' एक से 1.5 प्रतिशत है जबकि अर्थव्यवस्था में वास्तविक मुद्रास्फीति तीन से पांच प्रतिशत के बीच है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था 7.5 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है, भले ही निजी खपत तीन प्रतिशत बढ़ी है। सुब्रमण्यन ने कहा कि ताजा आंकड़ों में गलती और चूक की गणना नहीं की गई है जबकि वास्तव में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अनुमानित 7.6 प्रतिशत वृद्धि में ये लगभग 4.3 प्रतिशत हैं।

एफडीआई में तेजी से क्यों नहीं हो रही है बढ़ोतरी

पूर्व सीईए ने कहा कि तो ऐसे कई आंकड़ें हैं। जिन्हें मैं समझ नहीं पाता। मैं यह नहीं कह रहा कि ये गलत हैं। इसके बारे में फैसला दूसरों को करना है। उन्होंने इस बात पर आश्चर्य जताया कि यदि भारत इतना आकर्षक स्थान बन गया है, तो प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में तेजी से बढ़ोतरी क्यों नहीं हो रही है। सुब्रमण्यन ने कहा कि निजी निवेश, कॉरपोरेट निवेश वर्ष 2016 के स्तर से काफी नीचे है। उन्होंने कहा कि इस बात की बहुत चर्चा है कि पिछली कुछ तिमाहियों और पिछले कुछ वर्षों में अर्थव्यवस्था निवेश के लिए एक बहुत अच्छी जगह बन गई है जबकि वास्तव में निवेश में तेजी से गिरावट आई है।
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