Milk Price: गर्मियों में दूध मिलेगा महंगा, गाय-भैंस के सामने पानी का संकट, जानें कैसे बिगड़े हालात

Milk Price In India: उपभोक्ता मामलों के विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि रविवार को अखिल भारतीय औसत खुदरा और थोक कीमतें 57.6 रु प्रति लीटर और 5,420.7 रु प्रति किलोलीटर रहीं, जो पिछले साल 56 रु और 5,233 रु थीं।

Milk Price In India

गर्मियों में बढ़ेंगे दूध के दाम

मुख्य बातें
  • बढ़ेंगी दूध की कीमतें
  • घट सकता है दूध का उत्पादन
  • गाय-भैंसों के लिए जलाशयों में घट रहा पानी
Milk Price In India: गर्मियों में उत्पादन गिरने के कारण दूध की कीमतें बढ़ जाती हैं, लेकिन इस साल स्थिति और खराब हो सकती है। माना जा रहा है कि भयंकर गर्मी और सूखे बांधों के कारण डेयरी पशु प्यासे रह जाएंगे, जिससे दूध की प्रोडक्टिविटी घट सकती है और दूध कीमतें बढ़ जाएंगी। उपभोक्ता मामलों के विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि रविवार को अखिल भारतीय औसत खुदरा और थोक कीमतें 57.6 रु प्रति लीटर और 5,420.7 रु प्रति किलोलीटर रहीं, जो पिछले साल 56 रु और 5,233 रु थीं। अनुमान है कि भारत में FY24 में दूध का उत्पादन 240-245 मिलियन टन (एमटी) हो सकता है, जो पिछले साल से 4-5% अधिक है।
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कितनी है डेली दूध की खपत

लाइवमिंट की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल के चारा संकट के बाद बेहतर चारे की उपलब्धता और दूध की अधिक पैदावार के चलते वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीयों ने रोज औसतन 330 मिलीलीटर से अधिक दूध का इस्तेमाल किया।
दूध की खरीदारी कीमतों (Procurement Price) में 3% की वृद्धि हुई जबकि रिटेल कीमतों में 7% की वृद्धि हुई। FY23 में, जब दूध की खरीदारी कीमतें 14% बढ़ीं, तो खुदरा कीमतें केवल 7% बढ़ी थीं। वित्त वर्ष 2024 में मक्खन, घी और पनीर जैसे वैल्यू एडेड प्रोडक्ट की बढ़ती मांग के कारण डेयरी प्रोडक्ट की खपत मजबूत रही और 13-14% बढ़ी।

घट रहा जलाशयों का जल स्तर

केंद्रीय जल आयोग के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत के 150 प्रमुख जलाशयों में जल स्तर 4 अप्रैल तक 35% था। ये जल स्तर 61.8 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) था, जो एक साल पहले की तुलना में 17% कम और पिछले 10 वर्षों के औसत से 2% कम है।
वहीं आधिकारिक मौसम पूर्वानुमान में कहा गया है कि अधिकांश क्षेत्रों में अप्रैल-जून में सामान्य से अधिक तापमान रहेगा। वहीं मध्य और पश्चिमी प्रायद्वीपीय क्षेत्रों में हीट वेव सबसे ज्यादा देखी जाएंगी। हालांकि, दक्षिण पश्चिम मानसून 'सामान्य' से 'सामान्य से अधिक' रह सकता है।
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काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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