अनिल अंबानी को कर्ज देने वालों को लग सकता है तगड़ा झटका, मिलेगा सिर्फ इतना पैसा

हिंदुजा के ऑफर और रिलायंस कैपिटल के कैश बैलेंस के मद्देनजर कंपनी से रिकवरी 10090 करोड़ रु रह सकती है, जबकि अनुमान 12500 करोड़ रु से 13000 करोड़ रु था। 12500 करोड़ रु से 13000 करोड़ रु का अनुमान इसकी बिकवाली से मिलने का था।

Anil Ambani Lenders

अनिल अंबानी के कर्जदाताओं को लग सकता है झटका

मुख्य बातें
  • रिलायंस कैपिटल के कर्जदारों को लग सकता है झटका
  • रिकवरी में नहीं मिलेगा पूरा पैसा
  • 10090 करोड़ रु रह सकती है रिकवरी की रकम

Anil Ambani Lenders : रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital), जिसके प्रमोटर कर्ज में डूबे अनिल अंबानी (Anil Ambani) हैं, के कर्जदाताओं को तगड़ा झटका लग सकता है। रिलायंस कैपिटल के कर्जदाता केवल 10000 करोड़ रु की ही वसूली कर सकते हैं। हाल ही में पूरी हुई द्विपक्षीय बातचीत में हिंदुजा ग्रुप (Hinduja Group) ने साफ किया कि ये रिलायंस कैपिटल को खरीदने के लिए अपनी पेशकश में बहुत अधिक इजाफा नहीं करेगी। रिलायंस कैपिटल दिवालिया प्रोसेस से गुजर रही है और हिंदुजा ग्रुप इसके लिए टॉप बिडर यानी सबसे अधिक बोली लगाने वाला पक्ष रहा।

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उम्मीद से कम रिकवरी की उम्मीद

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार हिंदुजा के ऑफर और रिलायंस कैपिटल के कैश बैलेंस के मद्देनजर कंपनी से रिकवरी 10090 करोड़ रु रह सकती है, जबकि अनुमान 12500 करोड़ रु से 13000 करोड़ रु था। 12500 करोड़ रु से 13000 करोड़ रु का अनुमान इसकी बिकवाली से मिलने का था।

हिंदुजा ग्रुप ने बढ़ाए केवल 10 करोड़

हिंदुजा ग्रुप ने द्विपक्षीय बातचीत के दौरान अपने ऑफर की रकम में केवल 10 करोड़ रु का इजाफा किया। इसके अलावा संकटग्रस्त फाइनेंशियल सर्विस कंपनी के पास कैश बैलेंस के रूप में लगभग 430 करोड़ रुपये हैं, जो कंपनी को कर्ज देने वाली कंपनियों के बीच बांट जाएंगे। इससे कंपनी के कर्जदाताओं को करीब 10090 करोड़ रु ही मिलेंगे, जो कुल वसूली के 43% के बराबर है।

एलआईसी (LIC) और ईपीएफओ (EPFO) की भूमिका

रिलायंस कैपिटल के रेजोल्यूशन प्लान को मंजूरी देने पर एलआईसी, ईपीएफओ और जेसी फ्लावर एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी का रुख अहम होगा क्योंकि ये रिलायंस कैपिटल के बड़े कर्जदाता हैं। यस बैंक, जो कि एक ओरिजनल रिलायंस कैपिटल लेंडर है, ने अपना कर्ज जेसी फ्लावर्स एआरसी को बेच दिया था।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रेज़ोल्यूशन प्लान को तभी मंज़ूरी दी जा सकती है जब 66% लेनदार इसके फेवर में वोट करें।

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काशिद हुसैन author

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