इस कंपनी ने 1 लाख को बनाया 12 लाख, अब मिला वंदे भारत ट्रेन बनाने का ऑर्डर

टीटागढ़ वैगंस का शेयर निवेशकों को बीते 3 सालों में करीब 11 फीसदी रिटर्न दे चुका है। अब इसे बीएचईएल के साथ मिल कर वंदे भारत ट्रेन बनाने का ठेका भी मिला है। इन्हें मिल कर 80 वंदे भारत ट्रेनों की सप्लाई करनी है।

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टीटागढ़ वैगन ने करीब 3 सालों में 1100 फीसदी रिटर्न दिया

मुख्य बातें
  • टीटागढ़ वैगंस के शेयर ने दिया 1100 फीसदी रिटर्न
  • कोरोना काल में बहुत नीचे गिरा था शेयर
  • आज लाल निशान में है टीटागढ़ वैगंस का शेयर
Titagarh Wagons Share : आज शेयर बाजार में कमजोरी दिख रही है। करीब 11 बजे सेंसेक्स में 154 अंकों की गिरावट है। पर शेयर बाजार में दो-चार दिन नहीं, बल्कि मिड या लॉन्ग टर्म के लिहाज से निवेश करना बेहतर माना जाता है। ऐसे कई शेयर हैं, जिन्होंने मिड या लॉन्ग टर्म में काफी अच्छा रिटर्न दिया है। यहां हम आपको एक ऐसे ही शेयर की जानकारी देंगे।
कौन सा है शेयर
जिन शेयरों में 2-3 सालों में अच्छा रिटर्न दिया है, उनमें से एक है टीटागढ़ वैगंस। टीटागढ़ वैगन का शेयर बीते करीब 3 सालों में निवेशकों को भारी भरकम रिटर्न दे चुका है। जब भारत में कोरोना आया तो उस समय शेयर बाजार काफी नीचे गिर गया था। टीटागढ़ वैगंस का शेयर भी तब 20 मार्च 2020 को 24 रु तक फिसल गया था। पर अब ये 285.70 रु पर है। आज कंपनी का शेयर लाल निशान में है। इसमें 1.65 फीसदी की गिरावट दिख रही है।
कितना दिया रिटर्न
20 मार्च 2020 को 24 रु से टीटागढ़ वैगंस का शेयर अब 285.70 रु पर पहुंच गया है। करीब 3 सालों की अवधि में इस शेयर ने निवेशकों को 1091.25 फीसदी का दमदार रिटर्न दिया। इतने रिटर्न का मतलब है कि निवेशकों का पैसा 3 सालों में ही करीब 12 गुना हो गया है। जिस किसी ने भी उस समय इस कंपनी के शेयरों में 1 लाख रु का निवेश किया होगा, उसकी निवेश राशि इस समय 11.91 लाख रु हो गई होगी। बीते 5 सालों में कंपनी का शेयर केवल 145.66 फीसदी ही चढ़ा है। इसके पिछले 52 हफ्तों का शिखर 303.65 रु और निचला स्तर 93.40 रु रहा है।
वंदे भारत बनाने का मिला ऑर्डर
टीटागढ़ वैगंस को बीएचईएल के साथ मिलकर भारतीय रेलवे के मेगा टेंडर में रेल मंत्रालय से एक ऑर्डर मिला है। ऑर्डर के तहत कंसोर्टियम को 120 करोड़ रुपये प्रति ट्रेन के हिसाब से 80 वंदे भारत ट्रेनों की सप्लाई करनी है। बीएसई फाइलिंग के अनुसार, 80 स्लीपर क्लास वंदे भारत ट्रेनों की सप्लाई के अलावा कंसोर्टियम पर 35 वर्षों तक इनके रखरखाव की भी जिम्मेदारी होगी। कंसोर्टियम 72 महीनों में इन ट्रेनों की सप्लाई करेगा।
डिस्क्लेमर : यहां मुख्य तौर पर शेयर के रिटर्न की जानकारी दी गयी है, निवेश की सलाह नहीं। इक्विटी मार्केट में जोखिम होता है, इसलिए निवेश अपने जोखिम पर करें। निवेश करने से पहले एक्सपर्ट की राय जरूर लें।
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लेटेस्ट न्यूज

काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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