कही जहर तो कहीं गोल्ड सेब,ऐसी है टमाटर की कहानी,सिकंदर-अशोक-पृथ्वीराज तो नाम से भी थे अनजान

Tomato Price, History And Production In India:वैसे तो टमाटर का जन्म मैक्सिको और पेरू से माना जाता है। लेकिन वहां से यह 15-16 वीं शताब्दी में स्पेन पहुंचा। और यूरोप से भारत में पुर्तगालियों के जरिए भारत में पहुंचा। आज हम जिस धड़ल्ले से टमाटर को खाते हैं, आपको जानकर हैरानी होगी कि अमेरिकी महाद्वीप में काफी समय तक इसे जहर के रुप देखा जाता था।

tomato price and history

प्याज की तरह रूला रहा है टमाटर

Tomato Price, History And Production In India:इन दिनों टमाटर चर्चा में है। घर के किचन से लेकर होटल-रेस्टोरेंट में स्वादिष्ट भोजन और चटनी तक का हिस्सा बन चुका टमाटर इन दिनों जेब पर भारी पड़ रहा है। कीमतें 100 रुपये (प्रति किलो) से पार हैं और हालात ऐसे है कि सरकार का भी माथा घूम गया है। उसने कीमतें कम करने के लिए टमाटर ग्रैंड चैलेंज' (Tomato Grand Challenge) शुरू करने की तैयारी कर ली है। कोशिश है कि इसके जरिए कीमतों में कमी लाई जाय। क्योंकि बढ़ती कीमतें हर घर के किचन पर चोट कर रही हैं, ऐसे में इसे बड़ा चुनावी मुद्दा बनने में देर नहीं लगेगी। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया में दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा टमाटर उत्पादन करने वाला भारत 500 साल पहले तक टमाटर से अनजान था।

गोल्ड सेब से टमाटर के भारत आने का सफर

वैसे तो टमाटर का जन्म मैक्सिको और पेरू से माना जाता है। लेकिन वहां से यह 15-16 वीं शताब्दी में स्पेन पहुंचा। और यूरोप से भारत में पुर्तगालियों के जरिए भारत में पहुंचा। आज हम जिस धड़ल्ले से टमाटर को खाते हैं, आपको जानकर हैरानी होगी कि अमेरिकी महाद्वीप में काफी समय तक इसे जहर के रुप देखा जाता था। और लोग जान गंवाने के डर से इसे नहीं खाते थे। लेकिन यूरोप में इसका स्वाद लोगों के जुबान पर चढ़ गया। आलम यह था कि फ्रांस, इटली में इसे लोग गोल्ड एप्पल कहने लगे। और इन्हीं यूरोपीय व्यापारियों के जरिए टमाटर की भारत में एंट्री हुई।

एंट्री ऐसी कि आज पैदा होती हैं 1500 किस्में

जाहिर है कि भारत में टमाटर की एंट्री अभी केवल 500 साल पुरानी है। यानी कि उसके पहले के लोग टमाटर के स्वाद से अनजान थे। इसके स्वाद से सिकंदर से लेकर सम्राट अशोक तो पृथ्वीराज चौहान भी अनजान रहें होंगे। क्योंकि उनके समय में टमाटर की भारत में एंट्री नहीं हुई थी। लेकिन भारत में टमाटर केवल 500 साल में इस तरह लोगों के थाली में घुल गया है कि आज भारत टमाटर की करीब 1500 किस्में पैदा करता है। और हर साल 180-200 लाख टन टमाटर का उत्पादन कर चीन के बाद दूसरे नंबर पर है।

1.50 लाख टन तो चटनी बनाने में इस्तेमाल

देश में 80-85 फीसदी टमाटर की खपत सीधे तौर पर सब्जी के रूप में होती है। जबकि 15-20 फीसदी की खपत प्रोसेसिंग इंडस्ट्री करती है। इसमें से करीब 1.50 लाख टन केचअप बनाने में इस्तेमाल होता है। भारत में सबसे ज्यादा टमाटर का उत्पादन मध्य प्रदेश,आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में होता है। ये तीनों राज्य मिलकर देश में कुल टमाटर उत्पादन का करीब 35 फीसदी हिस्सा रखते हैं।

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प्रशांत श्रीवास्तव author

करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन, डिजिटल और बिजनेस पत्रकारिता में काम कर...और देखें

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