Savings Account Rates: बैंकों की चालाकी, अपने फायदे के लिए ग्राहकों को दे रहे झटके पर झटका ! जानें ब्याज का खेल

Savings Account Rate Cut: भारत के प्रमुख बैंक अपने फायदे के लिए बचत खातों पर ब्याज दरों में कटौती कर रहे हैं। वे ऐसा तब कर रहे हैं जब उन्हें डिपॉजिट जुटाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक और फेडरल बैंक ने 50 लाख रुपये से कम के बैलेंस पर बचत खाता ब्याज दरों को 25 बेसिस पॉइंट घटाकर 2.75% कर दिया है।

Savings Account Rate Cut

बैंक घटा रहे बचत खातों पर ब्याज दर

मुख्य बातें
  • बैंक घटा रहे बचत खातों पर ब्याज दर
  • लिस्ट में एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक शामिल
  • एसबीआई भी घटा चुका ब्याज दर

Savings Account Rate Cut: भारत के प्रमुख बैंक अपने फायदे के लिए बचत खातों पर ब्याज दरों में कटौती कर रहे हैं। वे ऐसा तब कर रहे हैं जब उन्हें डिपॉजिट जुटाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक और फेडरल बैंक ने 50 लाख रुपये से कम के बैलेंस पर बचत खाता ब्याज दरों को 25 बेसिस पॉइंट घटाकर 2.75% कर दिया है। देश का सबसे बड़ा बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), अक्टूबर 2022 से 10 करोड़ रुपये से कम के बैलेंस पर 2.7% ब्याज दर दे रहा है। इसके अलावा, कुछ बैंकों ने एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) की दरों में भी 25 बेसिस पॉइंट तक की कटौती की है।

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ग्राहकों को क्या होगा नुकसान

सीधी सी बात ये है कि ब्याज दरों में कटौती से बैंकों को ग्राहकों को जमा और एफडी पर कम ब्याज का भुगतान करना होगा। ऐसा बैंक अपना फायदे के लिए कर रहे हैं। इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि अब ज्यादा प्राइवेट बैंक इस रणनीति को अपनाएंगे, जिससे ब्याज दरों में कटौती का एक साइकिल शुरू हो सकता है।

लॉन्ग टर्म में फायदे वाला कदम

ब्याज दरों में ये कटौती तब हो रही है जब भारतीय बैंकिंग सिस्टम का इंक्रीमेंटल सीएएसए (चालू खाता और बचत खाता) रेशियो पिछले एक साल में लॉन्ग टर्म एवरेज 39% से घटकर केवल 22% रह गया है। ईटी की रिपोर्ट के अनुसार जानकारों का कहना है कि यह कदम बैंकों के लिए फंड की कुल लागत को कम करने और कठिन ऑपरेशन माहौल में मार्जिन को बनाए रखने के लिए उठाया गया है।

इस कटौती को प्रॉफिटेबिलिटी बढ़ाने के लिए एक लॉन्ग टर्म स्ट्रेटेजी के रूप में देखा जा रहा है। मगर इससे सीएएसए में कमी आएगी, जो बैंकों के लिए चिंता का विषय हो सकती है।

लोन ग्रोथ और डिपॉजिट ग्रोथ

वित्त वर्ष 2025 में, बैंकिंग सिस्टम में लोन ग्रोथ लगभग 11% और डिपॉजिट ग्रोथ 10% से अधिक रही। अप्रैल 2024 तक, जमा में 2.4% की वृद्धि हुई, जबकि लोन ग्रोथ 0.9% रही। टॉप बैंकों में सीएएसए अनुपात लगातार कम हो रहा है।

एचडीएफसी बैंक का सीएएसए अनुपात दिसंबर 2024 तक 34% तक गिर गया, जो एक साल पहले 38% था। बैंक के पास 24.52 लाख करोड़ रुपये के कुल जमा में 6.05 लाख करोड़ रुपये बचत खातों में थे। एसबीआई का सीएएसए अनुपात 41.18% से घटकर 39.2% हो गया, जिसमें 60.80 लाख करोड़ रुपये के कुल जमा में 33.51 लाख करोड़ रुपये बचत खातों में थे।

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काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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