Diwali: व्यापारियों में बढ़ा उत्साह! इस साल दिवाली में होगी बंपर बिक्री

Diwali 2022: CAIT अध्यक्ष भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के लोकल फॉर वोकल और आत्मनिर्भर भारत के अभियान का असर देश भर के उपभोक्ताओं पर पड़ा है।

दिवाली की बंपर बिक्री से देश भर के व्यापारियों में बढ़ा उत्साह!

नई दिल्ली। दिवाली (Diwali 2022) के त्योहार की गहमा गहमी अब दिल्ली सहित देश के बाजारों में तेजी से उमड़ रही है। ग्राहकों की भारी भीड़ और दिवाली त्योहार से संबंधित वस्तुओं एवं अन्य सामानों को खरीदने की ललक ने कोरोना महामारी के कारण पिछले दो वर्षों की व्यापारिक मायूसी को कहीं पीछे छोड़ दिया है। और देश भर में व्यापारियों के चेहरे पर उनकी मुस्कान फिर एक बार लौट आयी है। देश भर के व्यापारियों के संगठन कन्फेडरशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की इस वर्ष दिवाली त्योहार की खरीदी का देश भर में 1 लाख 50 हजार करोड़ से अधिक होगी जबकि कोविड से पहले साल 2019 में यह आंकड़ा लगभग 90 हजार करोड़ रुपये के व्यापार का था। तब से अब तक 60 हजार करोड़ रुपये की व्यापार की वृद्धि बेहद संतोषजनक है। दिवाली की खरीदी का सीजन पहले नवरात्र से शुरू होकर तुलसी विवाह तक माना जाता है। तुलसी विवाह इस वर्ष 5 नवंबर को है।

CAIT अध्यक्ष भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के लोकल फॉर वोकल (Local for Vocal) और आत्मनिर्भर भारत के अभियान का व्यापक असर देश भर के उपभोक्ताओं पर पड़ा है। जो इस बात से स्पष्ट है की ग्राहक अब बाज़ारों में भारतीय उत्पादों की ही मांग करते हैं। चीनी सामान सस्ता है-इस बात को लोग भूल कर अब चीन से बनी वस्तुओं का खुलकर बहिष्कार कर रहे हैं। यही कारण है की देश भर के बाज़ारों में अब चीन से बना दिवाली से संबंधित सामान लगभग नदारद है।

इम्पोर्ट करने वाले व्यापारियों ने इस साल चीन से दिवाली से जुडी किसी भी वस्तु का आयात नहीं किया। जिसके चलते इस वर्ष चीन को लगभग 75 हजार करोड़ रुपये की व्यापार का सीधा नुक्सान हुआ है। साथ ही CAIT ने यह भी बताया कि चीन द्वारा वर्ष 2020 में गलवान घाटी में आक्रमण के बाद देश भर में जहाँ व्यापारियों ने चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का संकल्प लिया हुआ है वहीं दूसरी ओर सारे देश में ग्राहकों ने भी अब चीनी वस्तुओं का मोह छोड़ दिया दिया है।

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