Trump Auto Tariffs: ऑटो स्टॉक की स्पीड में लगा ब्रेक, ट्रंप के टैरिफ ने डराया, इन शेयर में दिखा असर
Trump Auto Tariffs: अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा 25% ऑटो टैरिफ लगाए जाने के बाद टाटा मोटर्स के शेयर 5.26% गिर गए। इस फैसले से JLR की बिक्री पर संकट मंडरा रहा है, जिससे भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर में हलचल मच गई है।

डोनाल्ड ट्र्ंप।
Trump Auto Tariffs: अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा घोषित 25% ऑटो आयात शुल्क (टैरिफ) का भारतीय ऑटोमोबाइल कंपनियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर टाटा मोटर्स के शेयर 5.26% गिरकर ₹670.70 पर आ गए। हालांकि भारत का अमेरिका को सीधा वाहन निर्यात बहुत कम है, लेकिन इसका असर वैश्विक आपूर्ति पर महसूस किया जाएगा। आज शुरुआती कारोबारी घंटों के दौरान, अधिकांश ऑटो शेयरों में गिरावट आई- टाटा मोटर्स में 5% से अधिक की गिरावट आई, आयशर मोटर्स में लगभग 2% की गिरावट आई, हुंडई में लगभग 1.7% की गिरावट आई, संवर्धन मदरसन में लगभग 6.4% की गिरावट आई, सोना बीएलडब्ल्यू में 4.4% से अधिक की गिरावट आई और बालकृष्ण इंडस्ट्रीज में 3.4% की गिरावट आई (सुबह 9:30 बजे तक)।
भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर पर असर
टाटा मोटर्स के अलावा, अन्य भारतीय कंपनियों पर भी इस टैरिफ का प्रभाव पड़ सकता है इनमें
Eicher Motors: रॉयल एनफील्ड बाइक निर्माता, जो अमेरिका में 650cc मॉडल बेचता है, इसकी बिक्री प्रभावित हो सकती है।
Samvardhana Motherson International: टेस्ला और फोर्ड जैसी अमेरिकी कंपनियों को ऑटो पार्ट्स सप्लाई करने वाली यह कंपनी टैरिफ के कारण दबाव महसूस कर सकती है।
Sona BLW Precision Forgings: अमेरिका और यूरोप से 66% राजस्व प्राप्त करने वाली यह कंपनी नए बाजारों में विस्तार की योजना बना रही है।
Bharat Forge, Sansera Engineering, Suprajit Engineering और Balkrishna Industries जैसे अन्य भारतीय ऑटो कंपोनेंट निर्माता भी संकट का सामना कर सकते हैं।
भारत का ऑटो कंपोनेंट निर्यात और वैश्विक व्यापार
भारत ने FY24 में $21.2 बिलियन मूल्य के ऑटो कंपोनेंट निर्यात किए, जिसमें अमेरिका और यूरोप का 4.5% हिस्सा था। ट्रम्प की नई नीति से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बाधित हो सकती है, जिससे कंपनियां नई रणनीतियां अपनाने और बाजारों में विविधता लाने के लिए मजबूर होंगी।
क्या कह रहे हैं विश्लेषक?CLSA ने टाटा मोटर्स को "हाई-कन्विक्शन आउटपरफॉर्म" रेटिंग दी है, क्योंकि यह FY27 EV/EBITDA के 1x मल्टीपल पर ट्रेड कर रहा है, जो औसत 2.5x से काफी कम है।
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि JLR को अमेरिका में कीमतें बढ़ानी पड़ सकती हैं या लागत में कटौती करनी पड़ सकती है, जिससे मुनाफे पर असर पड़ सकता है।
क्या होगा आगे?अमेरिका के इस कदम से वैश्विक व्यापार तनाव बढ़ सकता है, जिससे अन्य देश भी जवाबी टैरिफ लगा सकते हैं। भारतीय ऑटो कंपनियों को अब नए बाजारों की तलाश, उत्पादन रणनीतियों में बदलाव और लागत प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
डिस्क्लेमर : यहां शेयर बाजार में निवेश की सलाह नहीं दी गई है। इक्विटी मार्केट में जोखिम होता है, इसलिए निवेश अपने जोखिम पर करें। निवेश करने से पहले एक्सपर्ट की राय जरूर लें।
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आशीष कुमार कुशवाहा Timesnowhindi.com में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। वह 2023 से Timesnowhindi.com के साथ जुड़े हैं। वह यहां शेयर बाजार, ...और देखें

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