JLL Report: देश में अनबिके घरों की संख्या में 24 फीसदी का इजाफा, जानें 7 शहरों की रिपोर्ट

JLL Report On Real Estate: अनबिके घरों की संख्या मार्च, 2024 तक लगभग 4,68,000 इकाइयों तक पहुंच गई जो दिसंबर 2019 की तुलना में 24 प्रतिशत अधिक है। इन शहरों में दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, पुणे, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद और कोलकाता शामिल हैं।

Real Estate, Houses for Rent, JLL

जेएलएल रिपोर्ट

JLL Report On Real Estate: देश के सात प्रमुख शहरों में फ्लैट की आपूर्ति बढ़ने से सात प्रमुख शहरों में अनबिके घरों की संख्या 2019 की तुलना में 24 प्रतिशत बढ़ गई है। इन घरों की बिक्री करने में बिल्डरों को 22 महीने का समय लगेगा।रियल एस्टेट सलाहकार जेएलएल इंडिया ने बृहस्पतिवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा कि अनबिके घरों की संख्या मार्च, 2024 तक लगभग 4,68,000 इकाइयों तक पहुंच गई जो दिसंबर 2019 की तुलना में 24 प्रतिशत अधिक है। इन शहरों में दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, पुणे, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद और कोलकाता शामिल हैं।

5 साल पहले 32 महीने लगता था समय

बनकर तैयार घरों की संख्या बढ़ने के बावजूद इनकी बिक्री के अनुमानित समय में उल्लेखनीय कमी आई है। जेएलएल ने कहा, "अनबिके घरों को बेचने में लगने वाले समय में 31 प्रतिशत की महत्वपूर्ण कमी आई है। जनवरी-मार्च तिमाही में इन घरों की बिक्री का अनुमानित समय घटकर सिर्फ 22 महीने रह गया जबकि 2019 के अंत तक यह समय 32 महीने था। मुख्य रूप से आवास की मांग में तेज वृद्धि के कारण ऐसा हुआ है। यह आकलन पिछली आठ तिमाहियों में दर्ज औसत बिक्री दर पर आधारित है। इन आंकड़ों में सिर्फ अपार्टमेंट फ्लैट ही शामिल किए गए हैं। इसमें भूखंड पर बने घर, विला और भूखंड विकास को विश्लेषण से बाहर रखा गया है।मुंबई बाजार में मुंबई शहर, मुंबई उपनगर, ठाणे शहर और नवी मुंबई शामिल हैं जबकि दिल्ली-एनसीआर बाजार में दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और सोहना शामिल हैं।

होम लोन होगा सस्ता ?

इस बीच आरबीआई 7 जून को मौद्रिक नीति का ऐलान करेगा। ऐसे में अगर वह ब्याज दरों में कटौती करता है तो होम लोन की डिमांड बढ़ेगी और अनबिके घरों की संख्या कमी आएगी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने फरवरी, 2023 से नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखा है विशेषज्ञों का मानना है कि मुद्रास्फीति की चिंताओं के बीच आरबीआई नीतिगत दर पर यथास्थिति बनाए रखेगा। हालांकि, यूरोपीय सेंट्रल बैंक और बैंक ऑफ कनाडा ने अपनी-अपनी प्रमुख नीतिगत दरों में कटौती शुरू कर दी है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | बिजनेस (business News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

लेटेस्ट न्यूज

प्रशांत श्रीवास्तव author

करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन, डिजिटल और बिजनेस पत्रकारिता में काम कर...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited