Minimum Monthly Wage Demand: पेंशन पर बनी बात, अब न्यूनतम वेतन की बारी, सरकारी कर्मचारियों की हर महीने इतनी सैलरी करने की मांग

Minimum Monthly Wage Demand: संयुक्त सलाहकार तंत्र (जेसीएम) के प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद कहा कि यूपीएस को कैबिनेट की मंजूरी से केंद्र सरकार के कर्मचारियों को काफी बढ़ावा मिला है। जेसीएम प्रमुख ने न्यूनतम वेतन में संशोधन करने और रेलवे सहित सरकारी विभागों में नई नौकरियों पर प्रतिबंध हटाने पर भी जोर दिया।

न्यूनतम वेतन।

Hike minimum monthly wage Demand: केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनीफाइड पेंशन स्कीम (UPS) का ऐलान कर दिया है। पेंशन की मांग तो लगभग पूरी हो चुकी है। लेकिन न्यूनतम वेतन में बदलाव की मांग अभी बाकी है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संयुक्त सलाहकार तंत्र (जेसीएम) के प्रतिनिधियों ने शनिवार शाम को मुलाकात की और इन सरकारी कर्मचारियों के प्रतिनिधियों ने न्यूनतम वेतन में संशोधन की मांग सरकार से की है।

इस बैठक में जेसीएम की राष्ट्रीय परिषद के प्रमुख ने सरकारी कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन को संशोधित कर 32,500 रुपये प्रति माह करने की मांग भी रखी। साथ ही सरकारी विभागों, खासकर रेलवे में नए पदों के लाने पर प्रतिबंध हटाने का भी निवेदन किया। मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा कि, "केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए जेसीएम के कर्मचारी पक्ष के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। उन्होंने यूपीएस के बारे में कैबिनेट के फैसले पर खुशी जताई।"

क्या है जेसीएम?

जेसीएम सरकार और उसके कर्मचारियों के बीच जो भी समस्याएं है उन्हें बातचीत कर ठीक करने के लिए एक वैधानिक सिस्टम है। जेसीएम को लीड करने वाले लोगों एक तिहाई से अधिक लोग रेलवे कर्मचारी हैं। जेसीएम प्रमुख एम राघवैया ने कहा, "हमने सरकार के साथ जो मुद्दे उठाए थे, उनमें से ज्यादातर का समाधान कर दिया गया है।"

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