UPS Vs OPS Vs NPS: यूनीफाइ़ड पेंशन स्कीम को मंजूरी, जानें NPS-OPS से कितनी अलग और कैसे मिलेगा UPS का फायदा

UPS Vs OPS Vs NPS: यूनीफाइड पेंशन स्कीम का सबसे बड़ा फायदा यह है कि सरकारी कर्मचारी अब रिटायरमेंट के समय एक गारंटेड पेंशन के हकदार होंगे। यानी रिटायरमेंट के समय कर्मचारी को मिली अंतिम 12 महीने की औसत सैलरी का 50 फीसदी हिस्सा पेंशन के रूप में मिलेगा। इसके अलावा फैमिली पेंशन भी होगी।

UPS Vs NPS Vs OPS

यूनीफाइड पेंशन स्कीम

UPS Vs OPS Vs NPS: मोदी सरकार ने हरियाणा,जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनीफाइड पेंशन स्कीम (UPS) का ऐलान कर दिया है। नई पेंशन स्कीम करीब-करीब ओल्ड पेंशन स्कीम जैसी ही है। इसमें पुरानी पेंशन स्कीम की तरह सुनिश्चित पेंशन का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा फैमिली पेंशन और न्यूनतम पेंशन में महंगाई भत्ते को भी शामिल कर लिया गया है। बस अंतर इतना है कि पुरानी पेंशन स्कीम में कर्मचारियों को कंट्रीब्यूशन नहीं करना पड़ता था। लेकिन UPS में न्यू पेंशन स्कीम की तरह 10 फीसदी कंट्रीब्यूशन करना पड़ेगा। लेकिन कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन मिले इसके लिए सरकार ने अपने कंट्रीब्यूशन 14 फीसदी को बढ़ाकर 18.5 फीसदी कर दिया है। यानी कर्मचारियों पर कोई बोझ नहीं पड़ेगा। नई स्कीम एक अप्रैल 2025 से लागू होगी। तो अब सवाल उठता है कि UPS, NPS, OPS में अंतर क्या है। और नई यूनीफाइड पेंशन स्कीम यानी UPS का फायदा किसे और कैसे मिलेगा।

UPS का फायदा

यूनीफाइड पेंशन स्कीम का सबसे बड़ा फायदा यह है कि सरकारी कर्मचारी अब रिटायरमेंट के समय एक गारंटेड पेंशन के हकदार होंगे। यानी रिटायरमेंट के समय कर्मचारी को मिली अंतिम 12 महीने की औसत सैलरी का 50 फीसदी हिस्सा पेंशन के रूप में मिलेगा। हालांकि यह मूल वेतन का 50 फीसदी होगा। यानी किसी कर्मचारी का औसत मूल वेतन रिटायरमेंट के समय अगर 50,000 रुपये है तो उसे 25000 रुपये पेंशन मिलना तय है। और उस पर DR (डियरनेंस रिलीफ ) भी मिलेगा। लेकिन 50 फीसदी एश्योर्ड पेंशन पाने के लिए न्यूनतम सेवा अवधि 25 वर्ष होनी जरूरी होगी।

  • वहीं अगर कोई कर्मचारी न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा पर रिटायर हो रहा है तो उसे 10,000 रुपये प्रति माह की न्यूनतम पेंशन की गारंटी मिलेगी।
  • लेकिन अगर कोई कर्मचारी 10 साल से ज्यादा नौकरी करने के बाद रिटायर हो रहा है लेकिन सेवा अवधि 25 साल से कम है, तो उसकी पेंशन 50 फीसदी से कम बनेगी। जो कि उसके कंट्रीब्यूशन के आधार पर तय होगी।
  • इसी तरह अगर सरकारी कर्मचारी की नौकरी के दौरान मृत्यु हो जाती है तो उसके आश्रित यानी पत्नी को एक सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन मिलेगी। जो कर्मचारी की वेतन का 60 फीसदी होगा।
  • इसके अलावा यूनीफाइड पेंशन स्कीम में महंगाई भत्ते का भी लाभ मिलेगा। जो ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रियल वर्कर्स पर आधारित होगा।
  • इसके साथ ही कर्मचारी रिटायरमेंट के समय ग्रेच्युटी के अलावा एकमुश्त रकम के पात्र होंगे। जो कि आखिरी 6 महीने की सैलरी और भत्ते पर आधारित होगा।

किसे मिलेगा फायदा

  • सरकार का कहना है कि इस कदम से केंद्र सरकार के 23 लाख कर्मचारियों को फायदा मिलेगा। यही नहीं यदि राज्य सरकारें इस योजना में शामिल होती हैं तो कर्मचारियों की संख्या बढ़कर 90 लाख हो जाएगी।
  • इसके अलावा UPS का लाभ नई पेंशन स्कीमा यानी NPS के आधार पर रिटायरमेंट ले चुके कर्मचारी भी ले सकेंगे। और उन्हें स्विच करने का मौका मिलेगा। यही नहीं रकम के अंतर को भी सरकार ब्याज सहित चुकाएगी। जो पीपीएफ के ब्याज के बराबर होगा।
  • इसी तरह मौजूदा कर्मचारी जो NPS योजना से जुड़े हैं, उन्हें भी यूपीएस में स्विच करने का विकल्प मिलेगा।

UPS VS NPS VS OPS में अंतर

अब सवाल उठता है कि यूनीफाइड पेंशन स्कीम , ओल्ड पेंशन स्कीम और न्यू पेंशन स्कीम में अंतर क्या है। तो सबसे बड़ा अंतर कर्मचारियों के कंट्रीब्यूशन का है। यूनीफाइड पेंशन स्कीम किसी भी सरकार के लिए बोझ नहीं बनेगी। क्योंकि इसमें कर्मचारियों को 10 फीसदी कंट्रीब्यूशन करना होगा। जबकि सरकार ने अपने कंट्रीब्यूशन को 14 फीसदी से बढ़ाकर 18.5 फीसदी कर दिया है। इसकी वजह से पेंशन के लिए फंड बनता रहेगा। इस आधार पर पहले साल एरियर के रूप में 800 करोड़ और यूपीएस के रूप में 6250 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे

जबकि ओल्ड पेंशन स्कीम में ऐसा नहीं था। और इसी वजह से वह सरकारों के लिए बोझ बन गई थी। जिसे देखते हुए साल 2004 में अटल बिहारी बाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार NPS लेकर आई थी। लेकिन NPS में सरकारी कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन की गारंटी नहीं मिलती थी। साथ ही फैमिली पेंशन की व्यवस्था भी नहीं थी। वह एन्युटी आधारित थी। और उसमें UPS 60 फीसदी पेंशन की गारंटी नहीं थी। तो कुल मिलाकर मोदी सरकार ने 20 साल बाद NPS की विदाई कर दी है। और अगर देखा जाय तो OPS के 80-90 फीसदी प्रावधानों को लागू कर दिया है।

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प्रशांत श्रीवास्तव author

करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन, डिजिटल और बिजनेस पत्रकारिता में काम कर...और देखें

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