Jewar International Airport: इस साल से ऑपरेशनल हो जाएगा जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट! देश और यूपी को मिलेगी नई पहचान

Jewar International Airport: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ग्रेटर नोएडा के जेवर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण हो रहा है। आइए जानते हैं जेवर एयरपोर्ट खासियतें क्या हैं।

जल्द शुरू होगा जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट

Jewar International Airport: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ग्रेटर नोएडा के जेवर में 1334 हेक्टेयर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण कर रही है। यह एयरपोर्ट आगरा, मथुरा, गौतम बौद्ध नगर समेत पश्चिमी यूपी और दिल्ली-एनसीआर के शहरों को दुनिया से जोड़ेगा। इस एयरपोर्ट की वजह से इन इलाकों में औद्योगीकरण में तेजी आएगी। हवाई कनेक्टिविटी में सुधार से पर्यटन सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा और नए पर्यटन केंद्रों के विकास के लिए और अधिक अवसर पैदा हो सकते हैं। जिससे रोजगार का निर्माण भी होगा। इतना ही नहीं यह एयरपोर्ट दिल्ली में आईजीआई एयरपोर्ट पर भीड़भाड़ कम करने में भी मदद करेगा। जेवर एयरपोर्ट को पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के जरिए बनाया जा रहा है। यहां दो रनवे का निर्माण किया जा रहा और भविष्य में इसे 7200 एकड़ (2900 हेक्टेयर) पर छह-रनवे बनाए जाएंगे है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 नवंबर 2021 को जेवर एयरपोर्ट की आधारशिला रखी थी। उम्मीद है कि अक्टूबर 2024 में एयरपोर्ट पर परिचालन शुरू हो जाएगा।

जेवर एयरपोर्ट के निर्माण पर खर्च होंगे 29561 करोड़ रुपए

भारत का सबसे बड़ा जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश के सबसे व्यस्त इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGI) से सिर्फ 72 किमी की दूरी पर स्थित है। यहां 3900 मीटर लंबा एक रनवे और 38 मीटर ऊंचा एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर करीब-करीब बनकर तैयार हो गया है। एक लाख वर्ग फीट में बन रही टर्मिनल बिल्डिंग भी करीब-करीब तैयार हो चुकी है। ये प्रोजेक्ट 4 चरणों में पूरा होगा। जिसे 30 साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस पर 29561 करोड़ रुपए खर्च होंगे। अभी पहला फेज का निर्माण कार्य चल रहा है। पहले फेज में 4588 करोड़ रुपए खर्च होने हैं। दूसरे में फेज में 5983 करोड़, तीसरे फेज में 8415 करोड़, चौथे फेज में 10575 करोड़ रुपए खर्च होंगे। पूरा एयरपोर्ट बन जाने के बाद 7 करोड़ यात्री हर साल आ-जा सकेंगे।

जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की खासियतें

  • पहले फेज में बन रहे जेवर एयरपोर्ट के एप्रन में 28 हवाई जहाज खड़े हो सकेंगे।
  • पहले फेज की क्षमता 1.2 करोड़ यात्रियों की है।
  • जेवर एयरपोर्ट के निर्माण के साथ NCR में दो बड़े एयरपोर्ट हो जाएंगे।
  • एयरपोर्ट पर विमानों की मरम्मत और रखरखाव की सुविधा होगी, अभी बड़ी खराबी पर विमानों को मरम्मत के लिए सीएटल या फ्रांस भेजे जाते हैं।
  • विमान को आसानी मोड़ा जा सके इसके लिए एप्रन स्टैंड पर पहली बार स्विंग स्टैंड होगा।
  • स्विंग स्टैंड होने से बिना रन-वे बदले अंतरराष्ट्रीय उड़ानें घरेलू में कन्वर्ट हो सकेंगी।
  • यह जीरो एनर्जी, जीरो कार्बन उत्सर्जन, जीरो वेस्ट और वाटर वाला देश का पहला एयरपोर्ट होगा।
  • जेवर एयरपोर्ट पर दिन की रोशनी का अधिकतम इस्तेमाल किया जाएगा।
  • जेवर एयरपोर्ट पर स्थानीय वास्तुकला, जलवायु अनुकूल शैली में लाउंज होगा।
  • पूरा बनने पर ये दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा।
  • 40 साल तक इस एयरपोर्ट को स्विस कंपनी ज्यूरिख इंटरनेशनल चलाएगी।
  • जेवर एयरपोर्ट बस, कार, टैक्सी के साथ मेट्रो और हाई स्पीड रेल नेटवर्क से जुड़ा होगा।
  • जेवर एयरपोर्ट यमुना एक्सप्रेस-वे और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से जुड़ेगा।
  • यमुना एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए 750 मीटर की 6 लेन सड़क बनेगी।
  • सालाना 90 हजार से अधिक फ्लाइट्स की जरूरत पड़ेगी।
  • अमेरिका,जापान आदि देशों की 10 से अधिक कंपनियां एयरपोर्ट के पास यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे कंपनियां लगा रही हैं।
  • यमुना एक्सप्रेस-वे पर देश की पहली पॉड टैक्सी सेवा शुरू होगी।
  • पॉड टैक्सी सेवा से जेवर और नोएडा एयरपोर्ट को फिल्म सिटी से जोड़ेगी।
  • पहले चरण में 101 पॉड शामिल होंगे। इनमें 6 लोग बैठ सकेंगे, 20 मिनट की जर्नी में 12 स्टेशन होंगे।
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