पिछले 8 साल में UPI लेनदेन जबरदस्त उछाल, 2029 तक हो जाएगा 439 अरब, रिपोर्ट का दावा

UPI Transactions: पीडब्ल्यूसी इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत के डिजिटल भुगतान में पिछले आठ साल में जरबदस्त वृद्धि देखी गई है। डिजिटल भुगतान 2023-24 के 159 अरब बढ़कर से वित्त वर्ष 2028-29 तक 481 अरब तक पहुंचने का अनुमान है।

डिजिटल पेमेंट में उछाल

UPI Transactions: यूपीआई पर कुल लेनदेन पिछले वित्त वर्ष के लगभग 131 अरब से बढ़कर 2028-29 तक 439 अरब होने की उम्मीद है और यह कुल खुदरा डिजिटल भुगतान का 91 प्रतिशत हिस्सा होगा। पीडब्ल्यूसी इंडिया की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है। ‘द इंडियन पेमेंट्स हैंडबुक- 2024-29’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत के डिजिटल भुगतान परिदृश्य में पिछले आठ साल में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है और उद्योग का अनुमान है कि मात्रा में तीन गुना से अधिक विस्तार होगा। डिजिटल भुगतान 2023-24 के 159 अरब बढ़कर से वित्त वर्ष 2028-29 तक 481 अरब तक पहुंचने का अनुमान है।

मूल्य के संदर्भ में भुगतान लेनदेन बाजार की वृद्धि दोगुनी होने की उम्मीद है। यह इस अवधि में 265 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 593 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगी। पीडब्ल्यूसी इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपीआई ने साल-दर-साल 57 प्रतिशत की लेन-देन मात्रा के साथ अपनी उल्लेखनीय वृद्धि जारी रखी है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2023-24 में, कुल लेन-देन की मात्रा 131 अरब से थोड़ी अधिक थी और 2028-29 तक यह 439 अरब तक पहुंच जाएगी। यूपीआई अब भारत में कुल खुदरा डिजिटल भुगतान का 80 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है और 2028-29 तक इसके 91 प्रतिशत तक योगदान देने की उम्मीद है। इसमें आगे कहा गया है कि वित्त वर्ष 2023-24 में क्रेडिट कार्ड में जबर्दस्त वृद्धि देखी गई है, जिसमें उद्योग ने 1.6 करोड़ से अधिक नए कार्ड जोड़े हैं।

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