Urea Import To Be Zero: यूरिया के लिए भारत विदेश पर नहीं रहेगा निर्भर, 2025 तक आयात होगा जीरो

Urea Import To Be Zero: भारत को सालाना करीब 350 लाख टन यूरिया की जरूरत होती है। मौजूदा घरेलू उत्पादन क्षमता बढ़कर करीब 310 लाख टन हो गई है। पांचवें संयंत्र के चालू होने के बाद यूरिया की वार्षिक घरेलू उत्पादन क्षमता करीब 325 लाख टन तक पहुंच जाएगी।

यूरिया का आयात होगा खत्म

Urea Import To Be Zero:भारत 2025 के अंत तक यूरिया का आयात बंद कर देगा। इस बात का ऐलान रसायन व उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने किया है। उन्होंने कहा कि घरेलू विनिर्माण पर बड़े पैमाने पर जोर देने से आपूर्ति और मांग के बीच अंतर करने से मदद मिली है। सरकार ने चार बंद यूरिया संयंत्रों को फिर शुरू किया है और एक अन्य कारखाने को वापस चालू करने का काम जारी है। घरेलू मांग को पूरा करने के लिए भारत को सालाना करीब 350 लाख टन यूरिया की जरूरत होती है। और स्थापित क्षमता 310 लाख टन तक पहुंच घई है।

कैसे बढ़ा उत्पादन

मांडविया ने कहा कि उन्होंने कहा कि देश पिछले 60-65 साल से फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल कर रहा है। अब सरकार नैनो लिक्विड यूरिया और नैनो लिक्विड डाइ-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) जैसे वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने के प्रयास कर रही है। यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भरता पर मांडविया ने कहा कि यूरिया आयात पर निर्भरता खत्म करने के लिए दोतरफा रणनीति अपनाई गई।

सरकार ने चार बंद यूरिया संयंत्रों को फिर शुरू किया है और एक अन्य कारखाने को वापस चालू करने का काम जारी है।उन्होंने कहा कि घरेलू मांग को पूरा करने के लिए भारत को सालाना करीब 350 लाख टन यूरिया की जरूरत होती है।मांडविया ने कहा कि स्थापित घरेलू उत्पादन क्षमता 2014-15 में 225 लाख टन से बढ़कर करीब 310 लाख टन हो गई है। वर्तमान में वार्षिक घरेलू उत्पादन और मांग के बीच का अंतर करीब 40 लाख टन है। पांचवें संयंत्र के चालू होने के बाद यूरिया की वार्षिक घरेलू उत्पादन क्षमता करीब 325 लाख टन तक पहुंच जाएगी। 20-25 लाख टन पारंपरिक यूरिया के इस्तेमाल को नैनो तरल यूरिया से बदलने का लक्ष्य भी है। ऐसे में यूरिया का आयात बिल शून्य हो जाएगा।

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