एक जून के बाद अमेरिका में खत्म हो जाएगा कैश ! सैलरी से लेकर सब्सिडी पर संकट,येलेन की चेतावनी
U.S.Could Run Out of Cash by June 1:अर्थशास्त्रियों ने इस संकट पर सचेत करते हुए कहा है कि अगर कर्ज की सीमा नहीं बढ़ाई जाती है तो फाइनेंशियल मार्केट हिल जाएगा। और दुनिया भर में आर्थिक संकट छा सकता है। ऐसा नहीं होने पर सेना, सरकारी कर्मचारियों की सैलरी, सामाजिक सुरक्षा पर होने खर्च पर संकट गहरा सकता है।
U.S.Could Run Out of Cash by June 1:क्या अमेरिका भी डिफॉल्ट कर सकता है। दुनिया के सबसे विकसित देश के बारे में ऐसी कल्पना भी मु्श्किल है। लेकिन ऐसा होने का खतरा बढ़ गया है। ट्रेजरी सेक्रेटरी जेनेट येलेन ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अमेरिका एक जून से इस स्थिति में पहुंच सकता है कि वह अपने पेमेंट नहीं कर पाएगा और वह डिफॉल्ट कर सकता है। येलेन इससे बचने के लिए अमेरिकी कांग्रेस से कर्ज लेने की लिमिट बढ़ाने को कहा है। अगर ऐसा नहीं होता है तो अमेरिका बांड होल्डर आदि के पेमेंट नहीं कर पाएगा। और इसका असर दुनिया भर के फाइनेंशियल मार्केट पर पड़ सकता है। जो कि पहले से ही मंदी की जोखिम का सामना कर रहे दुनिया के लिए बड़ा खतरा हो सकता है।
कितना बड़ा है खतरा
न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार येलेन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिकी कांग्रेस को जल्द से जल्द एक्शन लेना चाहिए। या तो वह कर्ज लेने की लिमिट को बढ़ाए या फिर वह उसे सस्पेंड करे। जिससे कि ज्यादा कर्ज लिया जा सके। क्योंकि ऐसा नहीं करने से अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो जाएगी। इस मामले में अमेरिकी संसद यानी कांग्रेस के बजट ऑफिस ने चेतावनी देते हुए कहा है कि समय उम्मीद से ज्यादा तेजी से निकल रहा है।
जो बाइडेन ने बुलाई आपात बैठक
येलेने के इस लेटर के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ 9 मई को आपात बैठक बुलाई है। जिससे कि इस चिंताजनक स्थिति से निपटने का रास्ता निकाला जा सके। येलेन ने यह भी कहा है कि सभी सांसद जल्द से जल्द इस मामले पर समाधान निकालने, नहीं तो सरकार के लिए अपने बिल पेमेंट करने में दिक्कत आ सकती है।
लोगों की सैलरी से लेकर दूसरे भुगतान पर होगा असर
अर्थशास्त्रियों ने इस संकट पर सचेत करते हुए कहा है कि अगर कर्ज की सीमा नहीं बढ़ाई जाती है तो फाइनेंशियल मार्केट हिल जाएगा। और दुनिया भर में आर्थिक संकट छा सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अमेरिका पहले ही बजट घाटे का सामना कर रहा है। यानी उसकी कमाई से कहीं ज्यादा खर्च है। और उसे हर हाल में अपने पेमेंट (ब्याज सहित दूसरे खर्च) चुकाने में बड़ी मात्रा में उधार लेना होगा। ऐसा नहीं होने पर सेना, सरकारी कर्मचारियों की सैलरी, सामाजिक सुरक्षा पर होने खर्च पर संकट गहरा सकता है।
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प्रशांत श्रीवास्तव author
करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन, डिजिटल और बिजनेस पत्रकारिता में काम कर...और देखें
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