अमेरिकी डॉलर एक साल के निचले स्तर की ओर, USA में महंगाई कम होने का असर
US dollar at one year low:ताजा महंगाई के आंकड़ों ने फेड रिजर्व से राहत मिलने की उम्मीद बढ़ा दी है। मार्च में अमेरिका में रिटेल महंगाई 5 फीसदी पर आ गई है। इसे देखते अब इस बात की उम्मीद बढ़ गई है कि फेड रिजर्व इस बार नीतिगत दरों की बढ़ोतरी पर ब्रेक लगा सकता है।
अमेरिकी में महंगाई कम होने का असर
फेड रिजर्व लगातार बढ़ा रहा है ब्याज दरें
असल में अमेरिकी फेड रिजर्व महंगाई को देखते हुए लगतारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रहा है। बीते मार्च में फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। जिसके बाद प्रमुख नीतिगत दरें 4.75-5.0 फीसदी पहुंच गई है। अमेरिका में 6 फीसदी (फरवरी) के करीब महंगाई को देखते हुए फेड रिजर्व ने यह कदम उठाया था। लेकिन ताजा महंगाई के आंकड़ों ने फेड रिजर्व से राहत मिलने की उम्मीद बढ़ा दी है। मार्च में अमेरिका में रिटेल महंगाई 5 फीसदी (All Item Index) पर आ गई है। यह बढ़ोतरी पिछले 12 महीने के मुकाबले हैं। वहीं शहरी महंगाई दर मार्च में केवल 0.1 फीसदी बढ़ी है। इसे देखते अब इस बात की उम्मीद बढ़ गई है कि फेड रिजर्व इस बार नीतिगत दरों की बढ़ोतरी पर ब्रेक लगा सकता है। और इसी उम्मीद के कारण डॉलर एक साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है।
रुपये पर क्या असर
इसके पहले गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 26 पैसे की तेजी के साथ 81.85 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। विदेशी बाजारों में डॉलर के कमजोर रुख और विदेशी संस्थागत निवेशकों के पूंजी प्रवाह से रुपये में यह मजबूती आई।अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 81.99 प्रति डॉलर पर खुला। कारोबार के अंत में रुपया अपने पिछले बंद भाव की तुलना में 26 पैसे की तेजी के साथ 81.85 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।कारोबार के दौरान रुपये में 81.85 के उच्चस्तर और 82.01 के निम्न स्तर और के बीच घटबढ़ हुई। इससे पिछले कारोबारी सत्र में डॉलर के मुकाबले रुपया 82.11 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
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