US Fed Reserve:अमेरिकी फेड रिजर्व ने 0.25 फीसदी बढ़ाया रेट,बैंकिंग संकट और महंगाई अब भी चैलेंज
US Fed Reserve Hike Rate: मार्च में अमेरिका में महंगाई दर 4.98 फीसदी रही थी। जो कि फरवरी के 6.04 फीसदी के मुकाबले बड़ी गिरावट के साथ कम हुई थी। वहीं पिछले साल से तुलना की जाय तो यह इस अवधि में 8.54 फीसदी थी।
फेड रिजर्व ने लगातार 10 वीं बार बढ़ाए रेट
फेड रिजर्व ने इस बीच अमेरिकी कांग्रेस को कर्ज की सीमा बढ़ाने को लेकर चल रहे राजनीतिक संकट पर फैसला करने का मौका दे दिया है। इसके अलावा बैंकिंग संकट किस ओर जाएगा उसे समझने का भी पॉलिसी मेकर को अवसर दिया है। जिसके आधार पर आगे फैसले लिए जाएंगे। फेड रिजर्व ने यह भी कहा है कि अमेरिकी बैंकिंग सिस्टम मजबूत है। और उससे घबराने की जरुरत नहीं है। आज की बढ़ोतरी के बाद फेड रिजर्व ने लगातार 10 वीं बार नीतिगत दरों में बढ़ोतरी की है।
जहां तक महंगाई की बात है तो मार्च में अमेरिका में महंगाई दर 4.98 फीसदी रही थी। जो कि फरवरी के 6.04 फीसदी के मुकाबले बड़ी गिरावट के साथ कम हुई थी। वहीं पिछले साल से तुलना की जाय तो यह इस अवधि में 8.54 फीसदी थी। हालांकि अभी लंबी अवधि के औसत 3.28 फीसदी से ज्यादा है।
मार्च में भी 0.25 फीसदी बढ़ाई थी दरें
अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक ने बीते मार्च गहराते बैंकिंग संकट के बीच नीतिगत दरों में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। फेडरल रिजर्व के इस कदम के बाद प्रमुख नीतिगत दरें 4.75-5.0 फीसदी पहुंच गई थी। उस समय फरवरी में अमेरिका में 6 फीसदी के करीब महंगाई को देखते हुए फेड रिजर्व ने यह कदम उठाया था। क्योंकि अमेरिका में महंगाई दर उसके टारगेट 2 फीसदी से कहीं ज्यादा थी।इसके पहले मार्च में नीतिगत फैसले का ऐलान करते हुए फेड रिजर्व ने कहा था कि इस साल के अंत तक अमेरिका में बेरोजगारी दर 4.5 फीसदी रह सकती है।
बैंकिंग संकट बरकरार
अमेरिका में सिलिकॉन वैली बैंक के डूबने से खड़ा हुआ संकट अभी भी बरकरार है। हाल ही में जेपी मॉर्गन चेस एंड कंपनी फर्स्ट रिपब्लिक बैंक को खरीदने का ऐलान किया है। फर्स्ट रिपब्लिक बैंक इस साल बंद होने वाला अमेरिका का तीसरा बैंक है। इस बैंक को रेगुलेटर्स ने अपने अंडर में ले लिया था। पर अब इसे जेपी मॉर्गन को बेच दिया जाएगा। अमेरिका में बैंकिंग संकट की एक वजह तेजी से पॉलिसी रेट में बढ़ोतरी रहना भी रहा है। इसकी वजह से कुछ बिजनेसों के लिए बैंकों का पैसा लौटाना मुश्किल हो गया। इससे बैंकों के लिए नुकसान का जोखिम बढ़ गया, जो पहले से ही मंदी की संभावना से जूझ रहे थे।
सोने और चांदी में तेजी
फेड रिजर्व के फैसले से पहले भारतीय बाजार में सोने में तेजी रही। राजधानी के सर्राफा बाजार में बुधवार को सोने का भाव 670 रुपये की तेजी के साथ 60,750 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। पिछले कारोबारी सत्र में सोना 60,080 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ था।चांदी की कीमत भी 1,150 रुपये की तेजी के साथ 76,100 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई।
विदेशी बाजारों में सोना तेजी के साथ 2,015 डॉलर प्रति औंस हो गया, जबकि चांदी बढ़कर 25.34 डॉलर प्रति औंस हो गई।रिलायंस सिक्योरिटीज के वरिष्ठ शोध विश्लेषक श्रीराम अय्यर ने कहा कि बुधवार को एशियाई कारोबारी घंटों में कॉमेक्स में सोना 2,000 डॉलर के महत्वपूर्ण स्तर से ऊपर स्थिर रहा, क्योंकि निवेशकों की निगाह अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर को लेकर फैसले पर थी।
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