अमेरिकी फेड रिजर्व ने 15 महीने बाद लिया बड़ा फैसला, ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं

US Federal Reserve Bank Keep Rate Unchanged: भले ही फेड रिजर्व ने इस बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी नहीं की है। लेकिन उसने इस बात के संकेत दिए हैं कि ब्याज दरें इस साल 2 बार और बढ़ सकती हैं। और यह सब कुछ महंगाई के उपर निर्भर करेगा। इसके पहले मई में महंगाई 4 फीसदी रही।

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अमेरिकी फेड रिजर्व का बड़ा फैसला

US Federal Reserve Bank Keep Rate Unchanged:अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने मौद्रिक नीति को लेकर 15 महीने बाद बड़ा फैसला किया है। बैंक ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। US Federal Bank ने ब्याज दर को 5 से 5.25 फीसदी पर बरकरार रखा है। फेड रिजर्व का यह फैसला अमेरिका सहित पूरी दुनिया के लिए बेहद सकारात्मक है। इस फैसला का मतलब है कि अमेरिकी इकोनॉमी में सुधार हो रहा है और महंगाई को लेकर फेड रिजर्व की पहले जैसी चिंताएं नहीं हैं। इसके पहले फेड रिजर्व 10 बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर चुका था। बुधवार रात को लिए गए फैसले पर फेड ने यह भी कहा है कि आगे महंगाई को देखते हुए ब्याज दरों में फिर बढ़ोतरी हो सकती है। इस समय अमेरिका में प्रमुख ब्याज दरें 2007 के बाद सबसे उच्चतम स्तर पर हैं। फेड रिजर्व के इस फैसले का असर भारत सहित दुनिया के शेयर बाजारों में तेजी के रुप में दिख सकता है।

अभी 2 बार और बढ़ सकती हैं ब्याज दरें

भले ही फेड रिजर्व ने इस बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी नहीं की है। लेकिन उसने इस बात के संकेत दिए हैं कि ब्याज दरें इस साल 2 बार और बढ़ सकती हैं। और यह सब कुछ महंगाई के उपर निर्भर करेगा। इसके पहले मई में महंगाई 4 फीसदी दर रही थी। जो कि अप्रैल 2023 के मुकाबले बेहद कम है। अप्रैल में महंगाई दर 4.9 फीसदी के दर थी। अमेरिका में महंगाई में आई कमी के कारण ही फेड रिजर्व ने कर्ज महंगा करने के सिलसिले पर ब्रेक लगाया है। भले ही फेड रिजर्व ने ब्याज दरों में आगे थोड़ी बढ़ोतरी के संकते दिए हैं। लेकिन 2024 में ऐसा अनुमान है कि अमेरिकी इकोनॉमी में सुधार और महंगाई पर नियंत्रण होने के बाद फेड रिजर्व ब्याज दरों में एक फीसदी तक कमी कर सकता है।

आरबीआई ने भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी नहीं की

इसके पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने भी अप्रैल और जून की मौद्रक समीक्षा नीति में ब्याज दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं की थी। आरबीआई ने रेपो रेट को 6.25 फीसदी पर बरकरार रखा है। इस समय भारत में रिटेल महंगाई दर 25 माह के निचले स्तर पर और थोक महंगाई दर 8 साल के निचले स्तर पहुंच गई है। ऐसे में अगर महंगाई काबू में रही तो आरबीआई ब्याज दरों में कटौती भी कर सकता है।

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