US-Asian Stock Market: अमेरिकी शेयर बाजार में भारी गिरावट, एशियाई बाजारों में भी दिखा असर

US-Asian Stock Market: अमेरिकी शेयर बाजार में एक दिन पहले आई तेजी ज्यादा देर तक नहीं टिक पाई। गुरुवार को दिनभर काफी उतार-चढ़ाव के बाद बाजार में एक बार फिर कमजोरी देखने को मिली। शुक्रवार को एशियाई बाजारों में भी इसका असर दिखा।

US-Asian Stock Market

अमेरिकी और एशियन शेयर बाजार में गिरावट

US-Asian Stock Market: बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन और अन्य देशों के लिए टैरिफ में 90 दिनों की राहत की घोषणा के बाद अमेरिकी बाजारों में जबरदस्त उछाल देखा गया था। लेकिन यह तेजी ज्यादा देर तक टिक नहीं पाई। गुरुवार को बाजार ने भारी उतार-चढ़ाव के बाद कमजोरी के साथ सत्र समाप्त किया। निवेशकों की चिंता इस बात को लेकर बनी रही कि टैरिफ का मुद्दा पूरी तरह सुलझा नहीं है।

प्रमुख सूचकांकों में बड़ी गिरावट

गुरुवार को डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 1,014 अंक या 2.5% गिरकर बंद हुआ। एसएंडपी 500 में 3.46% और नैस्डैक कंपोजिट में 4.31% की गिरावट आई। सत्र के दौरान डॉव जोन्स 2,100 अंकों से ज्यादा टूटा था, लेकिन अंत में कुछ रिकवरी देखने को मिली।

टेक शेयरों पर भारी दबाव

टेक्नोलॉजी सेक्टर इस गिरावट में सबसे ज्यादा प्रभावित रहा। एप्पल के शेयर में 2%, टेस्ला में 5% से अधिक, एनवीडिया में 3.6%, मेटा प्लेटफॉर्म्स में 3.8% की गिरावट आई। इन दिग्गज कंपनियों के शेयरों में कमजोरी से नैस्डैक पर भारी दबाव पड़ा।

एशियाई बाजारों में भी गिरावट का असर

गुरुवार को अमेरिकी बाजारों में गिरावट के असर से शुक्रवार को एशियाई बाजार भी कमजोर खुले। जापान के निक्केई 225 में 5.46% की गिरावट आई, जबकि टॉपिक्स में 5.05% की गिरावट आई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा कई देशों के लिए तत्काल 90-दिवसीय टैरिफ विराम की घोषणा के बाद गुरुवार को निक्केई में 9% की उछाल आई थी। शेयरों में, फास्ट रिटेलिंग के शेयरों में 3.87% की गिरावट आई, टोक्यो इलेक्ट्रॉन के शेयर की कीमत में 5% की गिरावट आई और एडवांटेस्ट के शेयर की कीमत में 7.5% की गिरावट आई। टोक्यो स्टॉक एक्सचेंज के सभी 33 इंडस्ट्री उप-सूचकांक गिर गए, जिसमें रिफाइनर 6.6% गिरकर सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले बन गए, रॉयटर्स ने बताया। कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे बाजारों में भी गिरावट देखी गई। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार निवेशकों की आशंका बनी हुई है कि अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ तनाव जल्द खत्म नहीं होगा।

हालांकि ट्रंप की टैरिफ राहत ने बाजार को एक दिन के लिए सहारा दिया, लेकिन निवेशकों को दीर्घकालिक समाधान की तलाश है। फिलहाल बाजार में अस्थिरता बनी रहने की संभावना है, और निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है।

(डिस्क्लेमर : यहां मुख्य तौर पर शेयर बाजार की जानकारी दी गयी है, निवेश की सलाह नहीं। इक्विटी मार्केट में जोखिम होता है, इसलिए निवेश अपने जोखिम पर करें। निवेश करने से पहले एक्सपर्ट की राय जरूर लें।)

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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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