अमेरिका बना सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर
India Largest Trade Partner:चालू कैलेंडर साल के पहले छह महीनों (जनवरी-जून) में अमेरिका भारत का शीर्ष कारोबारी साझेदार बनकर उभरा है। जबकि चीन के साथ भारत का सबसे ज्यादा व्यापार घाटा रहा है। चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा 41.6 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन 41.6 अरब डॉलर के बड़े व्यापार घाटे के साथ सूची में सबसे ऊपर है, क्योंकि चीन को निर्यात 8.5 अरब डॉलर था, जबकि जनवरी-जून 2024 के दौरान आयात 50.1 अरब डॉलर तक पहुंच गया। भारत 239 देशों को उत्पादों का निर्यात करता है और इनमें से 126 देशों ने निर्यात में सकारात्मक वृद्धि दिखाई है। इन देशों का भारत के कुल निर्यात में 75.3 प्रतिशत हिस्सा है।
इन देशों से ज्यादा बिजनेस
शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि जनवरी-जून, 2024 के दौरान देश का व्यापारिक निर्यात 5.41 प्रतिशत बढ़कर 230.51 अरब डॉलर हो गया।रिपोर्ट के मुताबिक, चीन 41.6 अरब डॉलर के बड़े व्यापार घाटे के साथ सूची में सबसे ऊपर है, क्योंकि चीन को निर्यात 8.5 अरब डॉलर था, जबकि जनवरी-जून 2024 के दौरान आयात 50.1 अरब डॉलर तक पहुंच गया।आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि भारत 239 देशों को उत्पादों का निर्यात करता है और इनमें से 126 देशों ने निर्यात में सकारात्मक वृद्धि दिखाई है। इन देशों का भारत के कुल निर्यात में 75.3 प्रतिशत हिस्सा है।
निर्यात में वृद्धि वाले प्रमुख देशों में अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), नीदरलैंड, सिंगापुर और चीन शामिल हैं। हालांकि, 98 देशों को निर्यात में गिरावट आई है जिनमें इटली, बेल्जियम, नेपाल और हांगकांग प्रमुख हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका भारत का शीर्ष निर्यात भागीदार है। अमेरिका को निर्यात जनवरी-जून, 2023 में 37.7 अरब डॉलर था जो इस साल की समान अवधि में 10.5 प्रतिशत बढ़कर 41.6 अरब डॉलर हो गया।इस साल की पहली छमाही में, चीन भारत का सबसे बड़ा आयात आपूर्तिकर्ता बना रहा। चीन से आयात 46.2 अरब डॉलर से बढ़कर 50.1 अरब डॉलर हो गया।
भारत के इन प्रोडक्ट की ज्यादा डिमांड
जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में चीन भारत का शीर्ष कारोबारी साझेदार रहा लेकिन जनवरी से जून 2024 की अवधि में अमेरिका भारत का सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार बन गया।चीन दूसरे सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार के रूप में दूसरे स्थान पर रहा, जिसका कुल व्यापार 54.4 अरब डॉलर से 7.7 प्रतिशत बढ़कर 58.6 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया।माल के निर्यात में वृद्धि को लौह अयस्क, दवा, कीमती पत्थर, बासमती चावल, रसायन और स्मार्टफोन जैसे क्षेत्रों द्वारा बढ़ावा दिया गया।सेवाओं के मोर्चे पर, निर्यात 6.9 प्रतिशत बढ़कर 178.2 अरब डॉलर हो गया, जबकि आयात 5.79 प्रतिशत बढ़कर 95 अरब डॉलर हो गया।