Vedanta: वेदांता बनाएगी 30,000 करोड़ का फंड, जानें 61 हजार करोड़ के कर्ज के लिए क्या बनाया है प्लान

Vedanta Debt Reducing Plan: वेदांता के पास 30,000 करोड़ रुपये का कोष तैयार होगा। जून, 2024 तक खनन क्षेत्र की इस प्रमुख कंपनी का कर्ज 61,300 करोड़ रुपये था। एक एनॉलिस्ट के अनुसार वेदांता इस धनराशि का उपयोग अपने बही-खाते को तेजी से सुधारने, पूंजी संरचना में सुधार करने में कर सकती है।

VEDANTA GROUP

वेदांता का नया प्लान

Vedanta Debt Reducing Plan:अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाली वेदांता लिमिटेड ने कर्ज में कमी और वृद्धि योजनाओें के लिए पात्र संस्थागत नियोजन (QIP), बिक्री पेशकश (OFS) और लाभांश के जरिये करीब 30,000 करोड़ रुपये का एक कोष तैयार किया है। इसके तहत वेदांता लिमिटेड के 8,500 करोड़ रुपये के क्यूआईपी, एचजेडएल के 3,200 करोड़ रुपये के ओएफएस और दूसरे अंतरिम लाभांश से 5,100 करोड़ रुपये की आय होने के साथ 13,000 करोड़ रुपये के मौजूदा कैश रिजर्व से कंपनी को पैसा मिलने के बाद 30,000 करोड़ रुपये का यह कोष तैयार होगा।

कैसे होगा इस्तेमाल

एक एनॉलिस्ट के अनुसार वेदांता इस धनराशि का उपयोग अपने बही-खाते को तेजी से सुधारने, पूंजी संरचना में सुधार करने और अपनी परिवर्तनकारी परियोजनाओं के विकास के लिए कर सकती है। इससे उसके निकट-अवधि के 10 अरब डॉलर के एबिटा (कर-पूर्व आय) लक्ष्य को पाने का रास्ता तैयार होगा और विस्तार अवसरों का लाभ उठाया जा सकेगा।वेदांता ने मजबूत तिमाही आंकड़े पेश करना जारी रखा है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में वेदांता का शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 54 प्रतिशत बढ़ा जबकि तिमाही आधार पर यह दोगुने से अधिक 5,095 करोड़ रुपये हो गया।कंपनी ने लांजीगढ़ में अबतक का सबसे अधिक एल्युमिना उत्पादन दर्ज किया और जिंक इंडिया इकाई में धातु उत्पाद का खनन किया। इसने संरचनात्मक परिवर्तनों और अन्य पहल के कारण उत्पादन की कुल लागत को 20 प्रतिशत कम कर दिया।

कितना है कर्ज

जून, 2024 तक खनन क्षेत्र की इस प्रमुख कंपनी का कर्ज 61,300 करोड़ रुपये था। फरवरी और जून के बीच गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर के निजी नियोजन और प्रवर्तक हिस्सेदारी बिक्री से प्राप्त आय भी निकट अवधि में समूह-स्तर पर कर्ज में कमी लाने में योगदान देगी।सूत्रों के मुताबिक, रणनीतिक हिस्सेदारी बिक्री, कर्ज में कमी और परिचालन दक्षता को अनुकूलित करने के मेल से यह संकेत मिलता है कि वेदांता का कर्ज घटाने और मुक्त नकदी प्रवाह उत्पन्न करने की दिशा में कदम सही दिशा में है।

इसके अलावा कारोबार का अलग कंपनियों में प्रस्तावित विभाजन और परिवर्तनकारी परियोजनाओं से कंपनी को इस प्रवृत्ति को जारी रखने में मदद मिलने की उम्मीद है। इन परियोजनाओं में कंपनी के चल रहे निवेश से कारोबार में मात्रा, एकीकरण और मूल्यवर्धित उत्पादों की श्रृंखला बढ़ाने में मदद मिलेगी।

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प्रशांत श्रीवास्तव author

करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन, डिजिटल और बिजनेस पत्रकारिता में काम कर...और देखें

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