Vedanta: वेदांता देगी डिविडेंड और लाएगी फॉलो-ऑन ऑफर, जानें क्या है होता है FPO, क्यों होता है IPO से अलग
Vedanta Dividend & FPO: बीएसई पर वेदांता का शेयर 413.95 रु के पिछले बंद स्तर के मुकाबले सुबह 420.65 रु पर खुला। कारोबार के दौरान ये 438.50 रु तक चढ़ा, जो इसके 52 हफ्तों का टॉप लेवल है। अंत में कंपनी का शेयर 19.20 रु या 4.64 फीसदी की तेजी के साथ 433.15 रु बंद हुआ।
वेदांता लाएगी फॉलो ऑन ऑफर
- वेदांता के शेयर में मजबूती
- कंपनी देगी डिविडेंड
- वेदांता लाएगी फॉलो-ऑन ऑफर
Vedanta Dividend & FPO: गुरुवार 16 मई को अनिल अग्रवाल के नेतृत्व वाली माइनिंग कंपनी वेदांता लिमिटेड के बोर्ड की बैठक होने जा रही है। इस बैठक में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पहले इंटरिम डिविडेंड पर विचार किया जाएगा। स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग के अनुसार, डिविडेंड के अलावा कंपनी का बोर्ड इक्विटी शेयर या कोई अन्य कंवर्टिबल सिक्योरिटीज जारी करने सहित अलग-अलग तरीकों से फंड जुटाने पर भी चर्चा करेगा। इसके लिए कंपनी फॉलो-ऑन ऑफर (FPO) या एफपीओ ला सकती है। इन घोषणाओं से कंपनी के शेयर में तेजी दिख रही है। आज वेदांता का शेयर कितना ऊपर है और क्या होता एफपीओ आगे जानिए।
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4.6 फीसदी की तेजी
बीएसई पर वेदांता का शेयर 413.95 रु के पिछले बंद स्तर के मुकाबले सुबह 420.65 रु पर खुला। कारोबार के दौरान ये 438.50 रु तक चढ़ा, जो इसके 52 हफ्तों का टॉप लेवल है। अंत में कंपनी का शेयर 19.20 रु या 4.64 फीसदी की तेजी के साथ 433.15 रु बंद हुआ।
वेदांता का शेयर चढ़ा
एफपीओ का क्या मतलब है?
एफपीओ का मतलब है फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर। ये एक ऐसी प्रोसेस है जिसके जरिए स्टॉक एक्सचेंज पर पहले से लिस्टेड कंपनी के मौजूदा शेयरधारकों या नए निवेशकों को शेयर जारी करती है। कंपनियां फंड जुटाने और इक्विटी बेस का विस्तार करने के लिए एफपीओ लेकर आती हैं।
एफपीओ क्या है
एफपीओ क्या है और यह कैसे काम करता है?
एफपीओ में पहले से तय प्राइस पर कंपनी शेयर जारी करती है। इसमें निवेशक आईपीओ की तरह आवेदन करते हैं और सफल निवेशकों को शेयर आवंटित किए जाते हैं।
आईपीओ और एफपीओ के बीच अंतर
मार्केटिंग में एफपीओ क्या है?
कंपनियां एफपीओ का इस्तेमाल अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए फंड जुटाने के लिए करती हैं। इन जरूरतों में बिजनेस का विस्तार, लोन की रिफाइनेंसिंग आदि शामिल है।
आईपीओ और एफपीओ में क्या अंतर है?
आईपीओ किसी कंपनी की पब्लिक को शेयरों की पहली बिक्री होती है। कंपनी के लिस्ट होने के बाद यदि ये फिर पब्लिक निवेशकों को शेयर बेचे तो उसे एफपीओ लाना होता है। दोनों की प्रोसेस में काफी समानताएं भी हैं।
डिस्क्लेमर : यहां मुख्य तौर पर शेयर पर मिलने वाले डिविडेंड और एफपीओ की जानकारी दी गयी है, निवेश की सलाह नहीं। इक्विटी मार्केट में जोखिम होता है, इसलिए निवेश अपने जोखिम पर करें। निवेश करने से पहले एक्सपर्ट की राय जरूर लें।
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