भारतीय पोर्ट इंडस्ट्री ने रचा इतिहास, अडानी के विझिंजम बंदरगाह पर पहुंची मदरशिप 'सैन फर्नांडो'
Vizhinjam Port: विझिंजम बंदरगाह पर पहली मदरशिप "सैन फर्नांडो" का आगमन हुआ। यह ग्लोबल ट्रांसशिपमेंट में भारत के प्रवेश के लिए एक मील का पत्थर है। इस मौके पर APSEZ के मैनेजिंग डायरेक्टर करण अडानी ने कहा कि भारतीय समुद्री इतिहास में यह एक शानदार उपलब्धि का प्रतीक है।
भारत ने हासिल की नई उपलब्धि
Vizhinjam Port: अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड ने शुक्रवार (12 जुलाई 2024)को अपने विझिंजम बंदरगाह पर पहली मदरशिप "सैन फर्नांडो" के आगमन की घोषणा की। यह एक मील का पत्थर इवेंट है जो ग्लोबल ट्रांसशिपमेंट में भारत के प्रवेश को चिह्नित करती है और भारत के समुद्री इतिहास में एक नए युग की शुरुआत करती है, जिससे विझिंजम को अंतररष्ट्रीय ट्रेड रूट में एक महत्वपूर्ण प्लेयर के रूप में स्थान मिलता है। केरल के विझिंजम बंदरगाह पर आधिकारिक रूप से केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, राज्य के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड (APSEZ) के मैनेजिंग डायरेक्टर करण अडानी ने पहली मदर शिप का आधिकारिक रूप से स्वागत किया।
विझिंजम बंदरगाह देश का पहला ट्रांस-शिपमेंट पोर्ट
केरल के कोवलम बीच के पास स्थित विझिंजम बंदरगाह देश का पहला ट्रांस-शिपमेंट पोर्ट है। शुक्रवार को पोर्ट के पहले चरण के विकास का कार्य भी पूरा कर लिया गया है। इसमें 3,000 मीटर की ब्रेकवाटर और 800 मीटर की कंटेनर बर्थ तैयार है। यह भारत का पहला ऑटोमेटेड बंदरगाह की भी शुरुआत है, जिसमें अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाएं हैं, जो बड़े जहाजों को संभालने में सक्षम है, इसके आधुनिक कंटेनर हैंडलिंग उपकरण और वर्ल्ड क्लास ऑटोमेशन और आईटी सिस्टम हैं। यह बंदरगाह वैश्विक स्तर पर छठवें या सातवें नंबर पर होगा। विझिंजम पोर्ट का दूसरा और तीसरा चरण 2028 तक पूरा हो सकता है। इसके बाद यह दुनिया का सबसे हरित बंदरगाह होगा।
विझिंजम बंदरगाह पर पहुंचा सैन फर्नांडो
बता दें, गुरुवार को दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी शिपिंग कंपनी मर्क्स का जहाज "सैन फर्नांडो" 2,000 से अधिक कंटेनरों के साथ विझिंजम बंदरगाह पर पहुंचा था। मदर शिप के डॉक करने के साथ ही विझिंजम बंदरगाह ने भारत को विश्व शिपिंग बिजनेस के पटल पर ला दिया। सैन फर्नांडो 300 मीटर लंबा कंटेनर पोत है, जिसकी क्षमता 8,000-9,000 TEU (बीस फुट समतुल्य यूनिट) है।
सैन फर्नांडो का पहुंचना एक शानदार उपलब्धि
विझिंजम बंदरगाह के महत्व पर प्रकाश डालते हुए अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड (APSEZ) के मैनेजिंग डायरेक्टर करण अडानी ने कहा कि सैन फर्नांडो - जो अब हमारे बंदरगाह पर खड़ा है, भारतीय समुद्री इतिहास में एक नई, शानदार उपलब्धि का प्रतीक है। यह एक संदेशवाहक है जो दुनिया को बताएगा कि भारत का पहला ट्रांसशिपमेंट टर्मिनल और सबसे बड़ा डीपवाटर पोर्ट ने कॉमर्शियल ऑपरेशन शुरू कर दिया है। बंदरगाह के अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में किसी अन्य बंदरगाह - जिसमें हमारा अपना बेहद उन्नत मुंद्रा पोर्ट भी शामिल है। उनमें ये तकनीकें नहीं हैं। हमने यहां पहले से ही दक्षिण एशिया की सबसे उन्नत कंटेनर हैंडलिंग तकनीक स्थापित की है। और एक बार जब हम ऑटोमेशन और पोत यातायात मैनेजमेंट सिस्टम को पूरा कर लेंगे, तो विझिंजम दुनिया के सबसे तकनीकी रूप से सोफिस्टिकेटेड ट्रांसशिपमेंट बंदरगाहों में से एक तौर पर होगा।
भारत की वैश्विक ट्रांस-शिपमेंट इंडस्ट्री में एंट्री
इससे पहले अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने विझिंजम बंदरगाह पर मदर शिप आने को ऐतिहासिक पल बताया था। उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि यह माइलस्टोन भारत की वैश्विक ट्रांस-शिपमेंट इंडस्ट्री में एंट्री को दिखाता है। इसके साथ ही भारत समुद्री लॉजिस्टिक्स के नए युग में प्रवेश कर गया है। विझिंजम ग्लोबल ट्रेड रूट में एक बड़े पोर्ट के रूप में स्थापित होगा।
इस सेक्टर की सबसे बड़ी पोर्ट कंपनी
अडानी पोर्ट और स्पेशल इकोनॉमिक जोन (APSEZ) देश की बड़ी पोर्ट कंपनी है। एपीएसईजेड के पास पश्चिमी तट पर सात पोर्ट और टर्मिनल हैं। वहीं, पूर्वी तट पर आठ पोर्ट और टर्मिनल हैं। कंपनी देश के 27 प्रतिशत पोर्ट वॉल्यूम को संभालती है। पिछले महीने अडानी पोर्ट ने इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर एशिया पैसिफिक (जापान छोड़कर) एग्जीक्यूटिव टीम सर्वे में जगह बनाई। परिवहन सेक्टर में इस लिस्ट में जगह बनाने वाली यह अकेली भारतीय कंपनी है।
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