Tax Saving: VPF या PPF, किसमें है ज्यादा फायदा और कहां होगी टैक्स की बचत, समझिए पूरा गणित

Tax Saving Investment: कोई भी भारतीय पीपीएफ में निवेश कर सकता है। लेकिन केवल सैलरी पर्सन कर्मचारी जिसके पास एक एक्टिव कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) खाता है और वे नियमित रूप से ईपीएफ में योगदान करता है, केवल वे ही वीपीएफ में पैसा जमा कर सकता है सकते हैं।

Tax Saving Investment

VPF या PPF में से किसमें है ज्यादा फायदा

मुख्य बातें
  • PPF में होती है टैक्स की बचत
  • VPF में भी बचता है टैक्स
  • VPF पर मिलेगा 8.25 फीसदी रिटर्न

Tax Saving Investment: पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) निवेशकों के लिए रिटायरमेंट की प्लानिंग करते समय टैक्स बचाने का एक पसंदीदा ऑप्शन रहा है। इस पर फिलहाल ब्याज दर 7.1% है। मगर यदि आप सैलरी पर्सन हैं, तो आप वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड (वीपीएफ) भी एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है, जिस पर पीपीएफ के मुकाबले बेहतर रिटर्न और अन्य कई बेनेफिट मिलते हैं। हालाँकि, VPF हर किसी के लिए नहीं है। आइए जानते हैं कौन वीपीएफ में निवेश कर सकता है और वीपीएफ-पीपीएफ में कौन बेहतर है।

ये भी पढ़ें -

Bandhan Bank Share: 44% रिटर्न दे सकता है बंधन बैंक का शेयर, ब्रोकरेज फर्म ने BUY रेटिंग के साथ दिया इतना टार्गेट

कौन कर सकता है निवेश

कोई भी भारतीय पीपीएफ में निवेश कर सकता है। लेकिन केवल सैलरी पर्सन कर्मचारी जिसके पास एक एक्टिव कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) खाता है और वे नियमित रूप से ईपीएफ में योगदान करता है, केवल वे ही वीपीएफ में पैसा जमा कर सकता है सकते हैं।

सही मायनों में वीपीएफ और कुछ नहीं बल्कि आपके ईपीएफ खाते का ही हिस्सा है, जिसमें आप अपनी मर्जी से ईपीएफ का योगदान बढ़ा सकते हैं। ईपीएफ में सैलरी का 12 फीसदी योगदान जरूरी है, उसके ऊपर यदि आप ईपीएफ में निवेश करना चाहते हैं तो वो पैसा वीपीएफ में जमा किया जाएगा।

अधिकतम निवेश और मैच्योरिटी अवधि

एक वित्तीय वर्ष में पीपीएफ में न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1,50,000 रुपये निवेश कर सकते हैं। वीपीएफ के लिए कोई न्यूनतम राशि तय नहीं है। आप ईपीएफ और वीपीएफ को मिलाकर अपनी बेसिक सैलरी का 100% तक योगदान कर सकते हैं।

पीपीएफ खाते की अवधि 15 वर्ष होती है। आगे इसे आप कितनी भी बार पांच-पांच साल के लिए बढ़ा सकते हैं। वीपीएफ रिटायरमेंट तक जारी रहेगा जब तक कि आप उससे पहले नौकरी नहीं छोड़ देते। आप रिटायरमेंट के बाद अपनी पूरी ईपीएफ राशि निकाल सकते हैं।

रिटर्न और टैक्स नियम

पीपीएफ पर अभी ब्याज दर 7.1 फीसदी है, जबकि वीपीएफ पर 8.25 फीसदी (ईपीएफ के बराबर)। पीपीएफ में 1.5 लाख रु तक का निवेश, मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी राशि पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।

ईपीएफ और वीपीएफ पर भी सालाना 1.5 लाख रु के योगदान पर टैक्स छूट मिल जाएगी। हालाँकि, VPF से होने वाली इनकम कुछ शर्तों को पूरा करने पर टैक्स फ्री होती है। यदि किसी कर्मचारी का ईपीएफ और वीपीएफ में योगदान एक वित्तीय वर्ष में 2.5 लाख रुपये की सीमा से अधिक है, तो अतिरिक्त योगदान पर अर्जित ब्याज पर टैक्स लगेगा। यह आपकी इनकम पर लागू आयकर दरों के अनुसार टैक्सेबल होगा। यदि आप एक सरकारी कर्मचारी हैं या ऐसे कर्मचारी हैं जिनका एम्प्लॉयर ईपीएफ खाते में योगदान नहीं देता, तो टैक्स फ्री ईपीएफ और वीपीएफ की सीमा 5 लाख रुपये है।

क्या है बेहतर

रिटर्न के आधार पर वीपीएफ बेहतर ऑप्शन है। इसमें भी आपको टैक्स छूट मिलेगी। मगर यदि आप पहले से ईपीएफ में योगदान देते हैं और अलग से टैक्स की बचत करना चाहते हैं तो पीपीएफ एक सही ऑप्शन हो सकता है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | बिजनेस (business News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

लेटेस्ट न्यूज

काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited