Home Loan:होम लोन की ज्यादा EMI से हैं परेशान, अपनाएं ये तरीके बोझ हो जाएगा कम
How To Reduce Home Loan: ईएमआई को बढ़ाकर लोन की अवधि को कम करना अच्छा फैसला है, खासतौर पर जब ब्याज दरें उंची हों। इसके अलावा रेपो दरों में कोई बदलाव न होने के मद्देनज़र ज्यादा ईएमआई का मैनेज करने के लिए अपने लोन को रीफाइनैंस भी कर सकते हैं।
होम लोन की लागत कैसे कम करें
How To Reduce Home Loan:होम लोन कस्टमर उंची ब्याज दरों के चलते आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहे हैं। जहां एक ओर आरबीआई द्वारा रेपो रेट को बरकरार रखने का फैसला दरों में कटौती से संभावी राहत में देरी का संकेत देता है। ऐसे में होम लोन कस्टमर अपनी ईएमआई को मैनेज करने के लिए कुछ अहम कदम उठा सकते हैं। उपभोक्ता इस बोझ को कम करने के लिए कई तरीके अपना सकते हैं। इसमें बैंक से मोल-भाव से लेकर रीफाइनेंस, लोन अवधि को बढ़ाने से लेकर कई अहम कदम उठा सकते हैं।
बैंक से करें मोलभाव
अपने मौजूदा ऋणदाता (बैंक जिससे आपने लोन लिया है) के साथ मोलभाव करें। मोलभाव करना ऐसी स्थिति में फायदेमंद हो सकता है, खासतौर पर जब रीफाइनैंस का विकल्प आसान न हो।अपने ऋणदाता को बताएं कि आप ज़िम्मेदारी से लोन चुकाते हैं, आपका क्रेडिट स्कोर बहुत अच्छा है और आपहमेशा से समय पर सभी भुगतान करते रहे हैं। अगर आप लम्बे समय से बैंक के साथ जुड़े हुए हैं और उनके अन्य फाइनैंशियल प्रोडक्ट्स जैसे बचत खाता आदि का इस्तेमाल भी करते हैं, तो इससे निश्चित रूप से आपको फायदा मिलेगा।लआप अन्य ऋणदाताओं से भी होम लोन के लिए ब्याज़ दरों के कोटेशन ले सकते हैं। आप अपने मौजूदा ऋणदाता के साथ मोलभाव करते हुए भी ऐसा कर सकते हैं।
लोन रीफाइनेंस का विकल्प चुनें
रेपो दरों में कोई बदलाव न होने के मद्देनज़र, आप उंची ईएमआई का प्रबन्धन करने के लिए अपने लोन को रीफाइनैंस भी कर सकते हैं। इसके लिए ऑनलाईन जाकर कर सर्च करें, अलग-अलग बैंकों और वित्तीय संस्थानों की ब्याज़ दरों एवं नियमों-शर्तों की तुलना करें। रीफाइनैंसिंग में आमतौर पर क्लोज़िंग की लागत की शामिल होती है, इसलिए सुनिश्चित करें कि ब्याज़ दरों में कटौती इतनी पर्याप्त हो कि उचित अवधि (एक से दो साल) के भीतर इन खर्चों की भरपाई हो सके।
अच्छा क्रेडिट स्कोर होने पर आपको अनुकूल ब्याज़ दरें मिलेंगी। अगर लोन लेने के बाद से आपके क्रेडिट स्कोर में सुधार हुआ है तो रीफाइनैंसिंग से आपका फायदा बढ़ जाएगा। उंची ब्याज़ दर के समय में लोन को रीफाइनैंस कराने से आप लोन की अवधि के दौरान अच्छी बचत कर सकते हैं।
अगर संभव हो तो अतिरिक्त भुगतान कर दें
उंची ब्याज़ दरों के बोझ को कम करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि अपनी मूल राशि (प्रिंसिपल) पर अतिरिक्त भुगतान कर दें। मूलराशि पर आप जितना ज़्यादा भुगतान करेंगे, उतना ही आपकी बकाया लोन की राशि कम हो जाएगी और भविष्य में आपके द्वारा चुकाई जाने वाली ईएमआई पर ब्याज कम हो जाएगा।
लोन की अवधि कम करें
ईएमआई को बढ़ाकर लोन की अवधि को कम करना अच्छा फैसला है, खासतौर पर जब ब्याज दरें उंची हों। इसका सबसे मुख्य फायदा यह है कि कि लोन की अवधि के दौरान चुकाया जाने वाला कुल ब्याज़ काफी कम हो जाता है। हालांकि ईएमआई बढ़ाने से शुरूआत में आपका बजट टाईट हो सकता है, लेकिन लोन जल्दी चुकता होने के बाद आपको मासिक किश्तों से मुक्ति मिल जाएगी और आप अन्य आर्थिक लक्ष्यों को पूरा कर सकेंगे या आपकी डिस्पोज़ेबल आय बढ़ जाएगी।
अपने लोन की समीक्षा करें
देखें कि आपके लोन की ब्याज़ दर फिक्स्ड है या फ्लोटिंग। फिक्स्ड रेट में, लोन की पूरी अवधि के दौरान ब्याज़ दर स्थिर रहती है, और आपकी ईएमआई की राशि पहले से तय होती है। ऐसे मामले में अगर बाद में ब्याज़ दर बढ़ जाए तो भी आपकी ईएमआई में अंतर नहीं आएगा। लेकिन अगर आप फ्लोटिंग ब्याज़ दर का विकल्प चुनते हैं तो आरबीआई द्वारा तय दरों के अनुसार आपका ब्याज़ भी बदल जाएगा। ऐसे में ब्याज़ दर कम होने पर ईएमआईकम हो जाएगी और ब्याज़ दर बढ़ने पर ईएमआई बढ़ जाएगी।
कुल मिलाकर, किसी भी आर्थिक स्थिति के समाधान के लिए पैसा का मैनेजमेंट ज़रूरी है, खासतौर पर अगर आपउंची ब्याज़ दर का लोन ले रहे हैं। अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा हो तो, आप कम ब्याज़ दर पर लोन पा सकते हैं। इससे बाद में कोई और लोन लेने के लिए भी आपको कम लागत चुकानी पड़ेगी।इसके अलावा आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में कोई गड़बड़ी है तो उसे भी जांच लें, ऐसी कोई भी गड़बड़ी मिलने पर तुरंत शिकायत दर्ज करें। इससे आपका क्रेडिट स्कोर ठीक तरीके से बताएगा कि आपने पैसे को कैसे हैण्डल किया है।क्रेडिट इन्क्वायरी की संख्या कम रखें, क्योंकि इससे आपका स्कोर कम हो जाता है और नए लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए तभी आवेदन करें जब ऐसा करना ज़रूरी हो।
(लेखक अतुल मोंगा, बेसिक होम लोन के सीईओ एवं सह-संस्थापक हैं)
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