Rupee is Falling: कमजोर रुपये से बढ़ेगा भारत के सोने का आयात 'बिल', ऊर्जा और कच्चे माल के दामों में होगा इजाफा

Rupee is Falling: कुल मिलाकर कमजोर रुपये से आयात ‘बिल’ बढ़ेगा, ऊर्जा तथा कच्चे माल की कीमतें बढ़ेंगी जिससे अर्थव्यवस्था में दबाव बढ़ेगा। पिछले 10 वर्षों के निर्यात आंकड़ों से पता चलता है कि कमजोर रुपये से निर्यात को कोई मदद नहीं मिलती है, जबकि अर्थशास्त्रियों की राय इससे उलट है।

कमजोर रु के कई नुकसान

मुख्य बातें
  • कमजोर रु के कई नुकसान
  • बढ़ेगा सोने का आयात
  • कच्चे माल के दामों में होगा इजाफा

Rupee is Falling: आर्थिक शोध संस्थान जीटीआरआई (GTRI) ने शुक्रवार को कहा कि घरेलू मुद्रा में गिरावट से भारत के सोने के आयात 'बिल' में वृद्धि होगी। खासकर जब वैश्विक सोने की कीमतें सालाना आधार पर 31.25 प्रतिशत बढ़कर जनवरी 2025 में 86,464 डॉलर प्रति किलोग्राम हो गई हैं। जनवरी 2024 में कीमत 65,877 डॉलर प्रति किलोग्राम थी। ‘ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव’ (जीटीआरआई) ने अपनी रिपोर्ट में कहा, भारतीय रुपया (आईएनआर) पिछले वर्ष 16 जनवरी से अब तक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 4.71 प्रतिशत कमजोर होकर 82.8 रुपये से 86.7 रुपये पर आ गया है। वहीं पिछले 10 वर्षों में यानी जनवरी 2015 से 2025 के बीच अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में 41.3 प्रतिशत की गिरावट आई और यह 41.2 रुपये से टूटकर 86.7 रुपये पर आ गया है। इसकी तुलना में, चीनी युआन में 3.24 प्रतिशत की गिरावट आई और यह 7.10 युआन से घटकर 7.33 युआन हो गया।

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कौन से सेक्टर रहे लड़खड़ा

जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘ कुल मिलाकर कमजोर रुपये से आयात ‘बिल’ बढ़ेगा, ऊर्जा तथा कच्चे माल की कीमतें बढ़ेंगी जिससे अर्थव्यवस्था में दबाव बढ़ेगा। पिछले 10 वर्षों के निर्यात आंकड़ों से पता चलता है कि कमजोर रुपये से निर्यात को कोई मदद नहीं मिलती है, जबकि अर्थशास्त्रियों की राय इससे उलट है।’’

उन्होंने कहा कि हालांकि आम राय के अनुसार कमजोर मुद्रा से निर्यात को बढ़ावा मिलना चाहिए, लेकिन भारत के दशक भर के आंकड़े एक अलग कहानी बयां करते हैं। उच्च आयात वाले क्षेत्र फल-फूल रहे हैं, जबकि कपड़ा जैसे श्रम-गहन, कम आयात वाले उद्योग लड़खड़ा रहे हैं।

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