AI का करें स्वागत, कंप्यूटर से भी नौकरियों खत्म होने का फैला था डर, क्या ऐसा हुआ? बोले नारायण मूर्ति
Artificial Intelligence: इंफोसिस (Infosys) के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति (NR Narayana Murthy) का मानना है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के बार में नकारात्मक सोचने की जरुरत नहीं है। AI से नौकरियां खत्म होने की आशंकाएं अतिशयोक्तिपूर्ण हैं। 1970 में जब कंप्यूटर आया था तब कहा गया था नौकरियां खत्म हो जाएंगी। लेकिन ऐसा हुआ क्या?
Artificial Intelligence: इंफोसिस (Infosys) के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति (NR Narayana Murthy) का मानना है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) द्वारा नौकरियां छीनने की आशंकाएं अतिशयोक्तिपूर्ण हैं। उनका मानना है कि AI में नए अवसर पैदा करने और ह्यूमन प्रोडक्टिविटी बढ़ाने की क्षमता है। इंफोसिस साइंस फाउंडेशन (ISF) कार्यक्रम के दौरान मनीकंट्रोल के साथ बातचीत में मूर्ति ने 1970 के दशक की तुलना की जब कंप्यूटर-एडेड सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग टूल पेश किए गए थे। जिन्हें केस टूल के रूप में जाना जाता था। उन्होंने कहा कि उस समय कई लोगों ने कहा कि कंप्यूटर लोगों की नौकरियों को खत्म कर देंगे। हालांकि हुआ इसके विपरीत।
AI का होना चाहिए स्वागत
नारायण मूर्ति AI को एक ऐसे उपकरण के रूप में देखते हैं जिसका स्वागत किया जाना चाहिए और उनका मानना है कि भारत एक ऐसे चरण में प्रगति कर चुका है जहां वह किसी दूसरी जगह डेवेलप आइडियाज और कॉन्सेप्स को अपना सकता है और नया आविष्कार सकता है। उन्होंने कहा कि आज भारत दूसरी जगह पैदा हुए आडियाज को ग्रहण करने और उन्हें अपनी बेहतरी के लिए उपयोग करने के लिए तैयार है।
होशियार है आज की युवा पीढ़ी
नारायण मूर्ति ने टैक्नोलॉजी के रूप में जेनेरिक AI और बड़े लैंग्वेज मॉडल (LLM) का उदाहरण दिया। जिन्हें भारत अब खोज रहा है और उपयोग कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे युवाओं को नई चीजों में निवेश करना चाहिए। ऐसा होगा। मुझे पूरा विश्वास है कि यह होगा। लेकिन यह एक क्रमिक प्रक्रिया है। इसमें समय लगता है। उनका मानना है कि आज के युवा उनकी पीढ़ी की तुलना में कहीं अधिक होशियार हैं।
इन क्षेत्रों में जा सकती हैं नौकरियां
मूर्ति ने स्वीकार किया कि एआई कुछ नौकरियां ले लेगा, विशेष रूप से स्वायत्त ड्राइविंग, परमाणु रिएक्टर जैसे खतरनाक वातावरण में मशीनों के संचालन और सटीक उपकरणों के साथ रिमोट सर्जरी के क्षेत्र में नौकरियां जा सकती हैं। हालांकि वह एक सहायक तकनीक के रूप में एआई के उपयोग के महत्व पर प्रकाश डालते हैं।
AI को सहायक के तौर पर इस्तेमाल की जरूरत
नारायण मूर्ति ने कहा कि AI को एक सहायक तकनीक के रूप में उपयोग करने की जरुरत है और इंसानों को सोचना होगा कि मैं इसका स्वागत कैसे करूं, इसे अपना दोस्त कैसे बनाऊं और उस अद्भुत जानवर का और भी अधिक उत्पादक होने के लिए उपयोग करूं। उनका मानना है कि नौकरियां खोने की चिंता इस चर्चा पर केंद्रित होनी चाहिए कि उत्पादकता बढ़ाने के लिए AI और अन्य उभरती टैक्नोलॉजी का उपयोग कैसे किया जाए। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि नौकरियां खोने की चिंता के स्थान पर चर्चा, बहस और इस बात पर विचार करना चाहिए कि हम इंसानों को और भी अधिक उत्पादक बनाने के लिए एआई, जेनेरेटिव एआई, बड़े लैंगुएज मॉडल और इन सभी का उपयोग कैसे करते हैं।
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