Special Status State: बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलवाने के लिए क्यों बेकरार हैं नीतीश, क्या हैं फायदे
Special Status State Benefits: विशेष राज्य का दर्जा मिलने पर केंद्र सरकार अपनी प्रायोजित योजनाओं में 90 प्रतिशत धनराशि उपलब्ध कराती है। अन्य राज्य जो इस श्रेणी में नहीं आते हैं, उन्हें केंद्र से 60 से 70 प्रतिशत धनराशि मिलती है, जबकि बाकी पैसे का प्रबंध उन्हें अपने फाइनेंस से करना पड़ता है।

विशेष दर्जा प्राप्त राज्य को क्या लाभ मिलते हैं?
- विशेष राज्य का दर्जा मिलने वाले राज्यों को कई लाभ
- दिए जाते हैं कई आर्थिक लाभ
- नीतीश बिहार के लिए चाहते हैं विशेष राज्य का दर्जा
Special Status State Benefits: नीतीश कुमार की पार्टी JDU लोकसभा चुनावों में 12 सीटें जीती है। इससे नीतीश NDA और मोदी सरकार 3.0 के लिए बहुत अहम सहयोगी बन गए हैं। इसी के मद्देनजर जेडीयू ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की अपनी पुरानी मांग फिर से उठाई है। विशेष दर्जा कैटेगरी की शुरुआत 1969 में पांचवें वित्त आयोग की सिफारिश पर पहाड़ी इलाकों, रणनीतिक अंतरराष्ट्रीय सीमाओं और आर्थिक एवं इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में पिछड़े कुछ राज्यों को लाभ पहुंचाने के लिए की गई थी। क्या होते हैं इसके फायदे, आगे जानिए।
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क्या मिलते हैं फायदे
अगर किसी राज्य को विशेष राज्य की कैटेगरी में शामिल किया जाता है तो उस राज्य को कई फायदे होते हैं
- केंद्र सरकार की तरफ से खास छूट दी जाती है
- अन्य राज्यों के मुकाबले में उस राज्य को ज्यादा अनुदान मिलता है
- सरकार के बजट का कुल 30% हिस्सा ऐसे ही राज्यों पर खर्च होता है
- इन राज्यों को जो पैसा मिलता है अगर वो एक साल में खर्च न हो तो उसे अगले साल के लिए कैरी फॉरवर्ड किया जाता है (सामान्य राज्यों के साथ ऐसा नहीं होता है, उनके लिए वो राशि लैप्स मानी जाती है)
- किसी राज्य को विशेष कैटेगरी में शामिल करने का मकसद उस राज्य के टैक्स प्रयास और फिस्कल मैकेनिज्म के साथ-साथ प्रति व्यक्ति आय में सुधार करना होता है
ये है एक और बड़ा लाभ
विशेष राज्य का दर्जा मिलने पर केंद्र सरकार अपनी प्रायोजित योजनाओं में 90 प्रतिशत धनराशि उपलब्ध कराती है। अन्य राज्य जो इस श्रेणी में नहीं आते हैं, उन्हें केंद्र से 60 से 70 प्रतिशत धनराशि मिलती है, जबकि बाकी पैसे का प्रबंध उन्हें अपने फाइनेंस से करना पड़ता है।
किन राज्यों के पास है स्पेशल स्टेटस का दर्जा
- मेघालय
- मणिपुर
- मिजोरम
- सिक्किम
- त्रिपुरा
- अरुणाचल प्रदेश
- नागालैंड
- असम
- उत्तराखंड
- जम्मू कश्मीर
- हिमाचल प्रदेश
लोन राशि होती है तय
सरकार ने पहले बताया था कि कोई राज्य किस श्रेणी में आता है - विशेष या गैर-विशेष श्रेणी - उस कैटेगरी का उपयोग राज्यों को दी जाने वाली सामान्य केंद्रीय सहायता (एनसीए) के लिए लागू लोन-अनुदान अनुपात तय करने के लिए किया जाता है।
विशेष कैटेगरी के राज्यों को राज्य के लिए विशेष महत्व की परियोजनाओं के लिए विशेष योजना सहायता (Special Plan Assistance) भी दिया जाता है। विशेष श्रेणी के राज्यों को उनकी मुश्किल वित्तीय स्थिति के कारण परियोजनाओं से जुड़ी विशेष केंद्रीय सहायता भी मिलती है।
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