क्या होते हैं Crypto Derivatives, कैसे होता है इनमें ट्रेड, जानिए सबकुछ

डेरिवेटिव एक फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट हैं जो एक अंडरलाइंग एसेट या कमोडिटी से वैल्यू हासिल करते हैं। ट्रेडिश्नल बाजारों में, डेरिवेटिव स्टॉक, बॉन्ड, फिएट करेंसी आदि पर आधारित होते हैं। क्रिप्टो में, डेरिवेटिव सिंगल क्रिप्टोकरेंसी या कुछ क्रिप्टो की बास्केट (समूह) की कीमत पर आधारित होते हैं।

What Are Crypto Derivatives

क्या होते हैं क्रिप्टो डेरिवेटिव्स

मुख्य बातें
  • क्रिप्टो डेरिवेटिव से भी होती है कमाई
  • सिंगल या क्रिप्टो बास्केट से डेरिवेटिव लेते हैं वैल्यू
  • कमाई का होता है मौका
What Are Crypto Derivatives : क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की बढ़ती लोकप्रियता के चलते बीते कुछ सालों में कई तरह के नये प्रोडक्ट पेश किए गए हैं। इन नये प्रोडक्ट्स के जरिए लोग डिजिटल एसेट (Digital Asset) में दांव लगाते हैं। ऐसा ही एक प्रोडक्ट है क्रिप्टोकरेंसी रिटेलेड डेरिवेटिव (Crypto Derivatives) है। यहां हम आपको बताएंगे कि क्रिप्टो डेरिवेटिव क्या होते हैं और ये कैसे काम करते हैं।

क्या होते हैं क्रिप्टो डेरिवेटिव्स

आसान शब्दों में डेरिवेटिव एक फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट हैं जो एक अंडरलाइंग एसेट या कमोडिटी से वैल्यू हासिल करते हैं। ट्रेडिश्नल बाजारों में, डेरिवेटिव स्टॉक, बॉन्ड, फिएट करेंसी आदि पर आधारित होते हैं। क्रिप्टो में, डेरिवेटिव सिंगल क्रिप्टोकरेंसी या कुछ क्रिप्टो की बास्केट (समूह) की कीमत पर आधारित होते हैं। उदाहरण के लिए, एक बिटकॉइन डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट बिटकॉइन की कीमत से अपनी वैल्यू हासिल करेगा।

सेलर-बायर में होता है एग्रीमेंट

डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट क्रिप्टो बाजार में उसी तरह काम करते हैं जैसे वे ट्रेडिश्नल बाजारों (शेयर, बॉन्ड आदि) में काम करते हैं। एक खरीदार और विक्रेता फ्यूचर की तारीख और कीमत पर क्रिप्टोकरेंसी ट्रेड करने के लिए एक समझौते पर सहमत हैं।

तीन तरह के होते हैं क्रिप्टो डेरिवेटिव्स

क्रिप्टो डेरिवेटिव्स तीन तरह के होते हैं, जिनमें क्रिप्टो फ्यूचर्स (Crypto Futures), क्रिप्टो ऑप्शंस (Crypto Options) और क्रिप्टो परपीचुअल्स (Crypto Perpetuals) शामिल हैं।

क्रिप्टो फ्यूचर्स

ये कॉन्ट्रैक्ट फ्यूचर की कीमत और तारीख पर किसी खास क्रिप्टोकरेंसी को खरीदने या बेचने के लिए एक समझौते को दर्शाते हैं।

क्रिप्टो ऑप्शंस

ऑप्शंस फ्यूचर्स के समान ही काम करते हैं लेकिन एक अहम बदलाव के साथ और वो ये कि कॉन्ट्रैक्ट एक्सपायरी पर क्रिप्टोकरेंसी को खरीदना या बेचना है या नहीं ये ट्रेडर चुन सकता है।

क्रिप्टो परपीचुअल्स

परपीचुअल्स फ्यूचर और ऑप्शंस के समान हैं, लेकिन इनमें एक्सपायरी डेट नहीं होती। इससे ट्रेडर्स को इन कॉन्ट्रैक्ट्स को अनिश्चित काल तक रखने की अनुमति मिलती है।
डिस्क्लेमर : यहां मुख्य तौर पर क्रिप्टो डेरिवेटिव की जानकारी दी गयी है, निवेश की सलाह नहीं। क्रिप्टोकरेंसी में जोखिम होता है, इसलिए निवेश अपने जोखिम पर करें। निवेश करने से पहले एक्सपर्ट की राय जरूर लें।
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काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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