Shaktikanta Das: जाते-जाते क्या कह गए शक्तिकांत दास, आर्थिक वृद्धि-GDP पर कह दी बड़ी बात

Shaktikanta Das: निवर्तमान गवर्नर ने पत्रकारों से कहा कि लोगों को अपने विचार रखने का अधिकार है, लेकिन मौजूदा परिस्थितियों तथा भविष्य के परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए मौद्रिक नीति को ‘‘ जितना संभव हो सके उतना उपयुक्त ’’ बनाने का प्रयास किया गया है।

क्या कह गए शक्तिकांत दास

मुख्य बातें
  • शक्तिकांत दास ने जीडीपी पर दिया बयान
  • जाते-जाते कही कई बड़ी बातें
  • बोले - आर्थिक वृद्धि में नरमी के लिए कई फैक्टर जिम्मेदार

Shaktikanta Das: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के निवर्तमान गवर्नर शक्तिकान्त दास ने मंगलवार को कहा कि आर्थिक वृद्धि में नरमी के लिए सिर्फ रेपो दर नहीं, बल्कि कई अन्य कारक भी जिम्मेदार हैं। केंद्रीय बैंक प्रमुख के रूप में अपने कार्यकाल के अंतिम दिन संवाददाता सम्मेलन में दास ने कहा कि वृद्धि-मुद्रास्फीति संतुलन को बहाल करना केंद्रीय बैंक के समक्ष सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। दास ने अपने छह साल के कार्यकाल में कोविड-19 वैश्विक महामारी के अलावा यूक्रेन तथा पश्चिम एशिया में युद्ध जैसी प्रमुख भू-राजनीतिक चुनौतियों के बीच अर्थव्यवस्था को संभाला है। दास की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने लगातार 11 बार से रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया है।

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'लोगों को अपने विचार रखने का अधिकार'

निवर्तमान गवर्नर ने पत्रकारों से कहा कि लोगों को अपने विचार रखने का अधिकार है, लेकिन मौजूदा परिस्थितियों तथा भविष्य के परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए मौद्रिक नीति को ‘‘ जितना संभव हो सके उतना उपयुक्त ’’ बनाने का प्रयास किया गया है।

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