पुरानी टैक्स व्यवस्था में 80C का क्या मतलब, इससे टैक्सपेयर्स को क्या फायदा?

80C in Old Tax Regime: पुरानी टैक्स व्यवस्था में 80C के तहत टैक्स में कई छूट मिलते हैं। सेक्शन 80C इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत एक सरकारी नियम है।

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पुरानी टैक्स व्यवस्था में 80C का क्या मतलब है

80C in Old Tax Regime: बजट 2023-24 में नए टैक्स रिजीम में बदलाव किया गया। लेकिन पुराने टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया। न्यू टैक्स रिजीम चुनने पर पुरानी टैक्स व्यवस्था में मिलने वाले 80C समेत कई टैक्स छूट का क्लेम नहीं कर सकते हैं। अब सवाल उठता है कि 80C क्या है। सेक्शन 80C इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत एक सरकारी नियम है। जिसके तहत टैक्सपेयर्स को एक सीमा तक जरूरी खर्च पर टैक्स में छूट दिया जाता है। 80C नियम के तहत बच्चों के स्कूल फीस, पीपीएफ, ईपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना, होम लोन, एनएससी, ईएलएस, जैसे खर्चों या निवेश पर 1,50,000 तक टैक्स छूट दी जाती है। इस तरह आप एचआरए, होम लोन, पीपीएफ, एनपीएस, मेडिकल इंश्योरेंस में छूट क्लेम करके सारा टैक्स बचा सकते हैं।

पुरानी टैक्स व्यवस्था पर 80C के तहत 1,50,000 रुपए तक की टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं लेकिन नई टैक्स व्यवस्था में अलग से छूट नहीं है। लेकिन सालाना 7 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री है। अगर आप किसी भी तरह का निवेश करते तो आपके लिए पुरानी टैक्स व्यवस्था ही फायदेमंद है। पुरानी और नई टैक्स व्यवस्थाओं के बीच मुख्य अंतर है कि नई टैक्स व्यवस्ता के तहत 80C, 80D और 24B नियम के तहत छूट नहीं मिलती है जबकि पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत ये सभी लाभ ले सकते हैं।

अगर आप अपनी आय का अच्छा-खासा हिस्सा निवेश करते है तो आपको पुरानी टैक्स व्यवस्था चुनने में ही फायदा है। लेकिन जिस व्यक्ति के पास निवेश के लिए ज्यादा पैसे नहीं बच पाते हैं, उनके लिए नई टैक्स व्यवस्था ही फायदेमंद होगी।

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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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